नई दिल्ली: आमतौर पर देखा जाता है कि हिजबुल्लाह (Hezbollah Terrorists) और हमास आतंकी (Hamas Terrorists) संगठन छोटे ड्रोन या रॉकेट से हमला करने के लिए बाहर आते हैं और फिर जाकर सुरंग में छिप जा रहे हैं। इन सुरंगों को खत्म करने और हिजबुल्लाह व हमास आतंकियों को खोज कर बाहर निकालने के लिए इजराइल (Israel) आजकल एक खास तौर का ड्रोन इस्तेमाल कर रहा है, जो बेहतरीन जासूस के साथ-साथ हमलावर संसाधनों की श्रेणी में गिना जाता है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर निगरानी के लिए होता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर वह रॉकेट, मिसाइल और अन्य विस्फोटक से हमला भी बोल देता है।
इजरायल अपने दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए एलबिट हर्मेस 450 (Elbit Hermes 450) ड्रोन का इस्तेमाल सन 1998 से कर रहा है। अपने दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए एलबिट हर्मेस 450 इस्तेमाल इसराइल की हवाई सेना खास तौर पर करती है। हर्मेस 450 का इस्तेमाल इसके अलावा कई और देश करते हैं। जिसमें ब्राज़ील, अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देश और उनकी एजेंसियां शामिल हैं।
ये है खासियत
एलबिट हर्मेस 450 ड्रोन लगभग 20 फीट लंबा है। यह लगभग साढे 500 किलोग्राम वजन के बराबर है और यह ड्रोन 180 किलोग्राम वजन की मिसाइल, राकेट या बम लेकर सटीक तौर पर उड़ान भर सकता है।
जानकारी में यह भी बताया जाता है कि इस ड्रोन की अधिकतम स्पीड 176 किलोमीटर प्रति घंटा है, लेकिन आमतौर पर यह 130 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिक रफ्तार से उड़ान भरते देखा जाता है। इसके अलावा इसकी रेंज 300 किलोमीटर से अधिक बताई जाती है। एक बार में यह 17 से 20 घंटे तक की सफलतापूर्वक उड़ान भर लेता है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह अधिकतम 18000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है।
एलबिट हर्मेस 450 ड्रोन में आमतौर पर स्पाइक मिसाइलें लगाकर ऊपर भेजा जाता है, ताकि सटीक निशाने पर हमला कर सकें। इसराइल अपने दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहता, इसलिए वह अत्यंत आधुनिक तरीके वाले ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है। इस ड्रोन के जरिए वह हमास और हिजबुल्ला आतंकियों के ठिकाने को नेस्तानाबूत करने की कोशिश कर रहा है, ताकि वे दोबारा से न पनप सकें। ये न सिर्फ निगरानी और जासूसी करता है बल्कि कई बार लक्ष्य पर हमला भी बोल देता है। यह एक ऐसा उपकरण है जो निगरानी के साथ-साथ हमले के लिए आवश्यक सामग्री लेकर भी उड़ान भरता है।
इसलिए इसकी पड़ी जरूरत
आपको बता दें कि इसराइल में ड्रोन से हमास आतंकियों के सुरंगों और छुपाने के ठिकानों की खोज करने के लिए इसका इस्तेमाल तब शुरू किया जब हिजबुल्लाह और हमास आतंकी संगठन ने दक्षिणी इजरायल ईलट शहर में एक नागरिक इमारत पर ड्रोन से अटैक किया। कहा जा रहा है कि इस ड्रोन को वहीं की फैक्ट्री में बनाया था। इस तरह के कई और ड्रोन गाजा की मौजूद फैक्ट्री में तैयार हो रहे हैं और उसका इस्तेमाल इजरायल के खिलाफ किया जा रहा है। इसी से इजराइल चौकन्ना हो गया है और एलबिट हर्मेस 450 को जंग के मैदान में काम पर लगा दिया है।
कैसे करता है काम
एलबिट हर्मेस 450 से इजरायल ने अपने दुश्मनों की निगरानी करके नेस्तानाबूत करने की कोशिश कर रहा है। हमास आतंकियों की सुरंगों का पता लगाकर उस पर हमला करने के लिए एलबिट हर्मेस 450 ड्रोन को लगाया गया है। यह मीडियम साइज मल्टी पेलोड अनमैन्ड एरियल हवाई यान है. जिसको लंबे समय तक चलने वाले मिशन के लिए ही बनाया गया है। यह एक बार में कम से कम 18 से 20 घंटे तक की उड़ान भरकर अपने मिशन को अंजाम दे सकता है।
इस एलबिट हर्मेस 450 ड्रोन में इलेक्ट्रोऑप्टिकल, इंफ्रारेड सेंसर्स लगे हैं, जिनकी मदद से ये कम्यूनिकेशन और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस, सिंथेटिक अपर्चर राडार, मूविंग टारगेट इंडीकेशन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर या हाइपरस्पेक्ट्रल सेंसर्स का इस्तेमाल किया जाता है। ये एक ऐसी युद्ध तकनीक हैं, जिसमें यदि दुश्मन पाताल के अंदर कहीं भी छिपा हो, उसे ये खोज निकाला जा सकता है।