Razorpay FY23 Results: मर्चेंट पेमेंट फर्म रेजरपे (Razorpay) ने वित्त वर्ष 2023 के लिए वित्तीय नतीजे जारी कर दिए हैं। कंपनी ने 2,279 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू दर्ज किया है। यह वित्त वर्ष 2022 में हासिल हुए 1481 करोड़ रुपये के रेवेन्यू से लगभग 53% अधिक है। मुख्य रूप से एंटरप्राइज और एसएमई ग्राहकों में वृद्धि के कारण यह वृद्धि देखी गई। कंपनी की रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (आरओसी) फाइलिंग से पता चला कि फिनटेक यूनिकॉर्न रेजरपे का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023 में 7.3 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2022 में 7.2 करोड़ रुपये का मुनाफा देखा गया था।
FY23 में कंपनी का कुल खर्च 54.6% बढ़कर 2,283 करोड़ रुपये हो गया। एंप्लॉई बेनिफिट एक्सपेंस 638 करोड़ रुपये रहा, जिसने कुल खर्च में लगभग 28% का योगदान दिया। एंप्लॉई बेनिफिट एक्सपेंस में वेतन और अन्य कर्मचारी भुगतान शामिल हैं। FY23 में कंपनी की वित्तीय लागत 5.7 करोड़ रुपये थी।
पेमेंट एग्रीगेटर के लिए RBI से फाइनल ऑथराइजेशन
दिसंबर में, रेजरपे को पेमेंट एग्रीगेटर (पीए) के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से फाइनल ऑथराइजेशन मिला था। रेजरपे अपने प्लेटफॉर्म पर लगभग दो वर्षों के बाद नए मर्चेंट्स को ऑनबोर्ड कर सकता है। आखिरी बार रेजरपे की वैल्यूएशन 7 अरब डॉलर आंकी गई थी। शशांक कुमार और हर्षिल माथुर ने साल 2014 में रेजरपे को शुरू किया था। इसे वाई कॉम्बिनेटर, जीआईसी, सिकोइया कैपिटल इंडिया, रिबिट कैपिटल, मैट्रिक्स पार्टनर्स, मास्टरकार्ड और जैसे निवेशकों की फंडिंग प्राप्त है। इन्होंने सामूहिक रूप से कंपनी में 74 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश किया है। कंपनी की आखिरी बार वैल्यूएशन 7 अरब डॉलर से अधिक आंकी गई थी।
दो साल बाद आ सकता है रेजरपे IPO
Razorpay के को-फाउंडर और सीईओ हर्षिल माथुर ने हाल ही में मनीकंट्रोल को बताया कि कंपनी दो साल के बाद IPO लाने का प्लान कर रही है। इसकी वजह है कि भारत में स्टार्टअप की रिवर्स फ्लिपिंग प्रक्रिया अगले 6 से 12 महीनों में खत्म होने वाली है। रिवर्स फ्लिपिंग किसी भारतीय कंपनी के हेडक्वार्टर को विदेश में ट्रांसफर करने के बाद उसे फिर से भारत में शिफ्ट करने की प्रक्रिया है। रेजरपे ने मई 2023 में अपनी पेरेंट कंपनी को अमेरिका से भारत में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की थी।