किला क्षेत्र में मां गंगा महारानी मंदिर पर काबिज दूसरे समुदाय के लोगों को शुक्रवार हटाने के बाद पुलिस ने सील कर दिया। उसके बाद से अखिल भारत ङ्क्षहदू महासभा और मंदिर भूमि दान करने वाले लक्ष्मण दास के वंशज राकेश ङ्क्षसह मंदिर परिसर में पूजा-पाठ कराने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर वे सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट से मिले और पूजा पाठ करने के लिए मंदिर परिसर की सील खोलने की मांग की। सिटी मजिस्ट्रेट ने प्रकरण की जांच जारी होने की बात कहकर 10 दिनों तक इंतजार करने के लिए कहा।
इंतजार करने को कहा
किला क्षेत्र के कटघर मुहल्ले में करीब डेढ़ सौ वर्ष पुराने मां गंगा महारानी मंदिर पर काबिज मुस्लिम परिवार को पुलिस और प्रशासन ने शुक्रवार को हटा दिया था। मंदिर परिसर में क्यारा ब्लाक की दौली रघुवरदयाल सहकारी समिति लिमिटेड का बोर्ड लगा मिला था। भूमि श्री गंगा महारानी मंदिर के नाम पर है, जिसको साधन सहकारी समिति ने किराये पर लिया था, लेकिन समिति बंद होने की वजह से मंदिर में मुस्लिम परिवार करीब 40 वर्षाें से रह रहा था। मंदिर को मुस्लिम परिवार से खाली कराने के लिए अखिल भारत ङ्क्षहदू महासभा के मंडल अध्यक्ष पंकज पाठक व मंदिर भूमि को दान करने वाले लक्ष्मण प्रसाद का वंशज बताने वाले राकेश गिरी महाराज सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट राजीव कुमार शुक्ला व सीओ प्रथम पंकज कुमार श्रीवास्तव से मिले। ङ्क्षहदू महासभा के पदाधिकारियों ने कहा कि गंगा महारानी मंदिर को पूजा पाठ के लिए खोलने की जगह प्रशासन की ओर से सील कर दिया गया। इससे ङ्क्षहदू समाज की आस्था को ठेस पहुंची है। मंदिर परिसर से सील हटाकर वहां पर पूजा पाठ करने की अनुमति दी जाए। ऐसा ना होने पर अखिल भारत ङ्क्षहदू महासभा ने मंदिर के गेट पर मौन रूप से काली पट्टी बांधकर धरना देने की चेतावनी दी। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने 10 दिनों तक का इंतजार करने के लिए कहा है।
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