शनिवार को लेकर कुछ लोगों द्वारा यह भ्रांति फैलाई जा रही है कि इसी दिन शनिश्चरी अमावस्या है। अब जानकारों का कहना है कि पंचांग का अध्ययन करने पर स्पष्ट होता है कि 30 नवंबर को शनिवार के दिन चतुर्दशी तिथि रहेगी। रविवार को 1 दिसंबर के दिन स्नान दान की अमावस्या होगी।
By Arvind Dubey
Publish Date: Sat, 30 Nov 2024 10:12:18 AM (IST)
Updated Date: Sat, 30 Nov 2024 10:20:04 AM (IST)
HighLights
- धर्मशास्त्र के जानकार बोले- भ्रम में ना रहे भक्त
- सुबह 11 बजे तक चतुर्दशी, शनि अमावस्या नहीं
- 1 दिसंबर के दिन स्नान दान की अमावस्या होगी
धर्म डेस्क, उज्जैन (Shani Amavasya Date and Time)। अगहन कृष्ण अमावस्या पर शनिवार का दिन होने से कुछ लोग इसे शनिचरी अमावस्या मान रहे हैं, लेकिन धर्मशास्त्र के जानकारों का मत है कि शनिवार को सुबह 11 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी, इसके बाद अमावस्या का स्पर्श होगा। इसलिए यह चतुर्दशी तिथि कहलाएगी। इस दिन शनिचरी अमावस्या को लेकर भ्रम की स्थिति में ना रहे।
ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि पंचांग की गणना एवं धर्मशास्त्रीय मान्यता के आधार पर देखें, तो मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शनिवार के दिन रहेगी। शनिवार के दिन चतुर्दशी तिथि शनिवार को सुबह 11 बजे तक रहेगी। इस दृष्टि से यह चतुर्दशी ही कहलाएगी, इस दिन शनिश्चरी अमावस्या नहीं है।
कुछ लोगों द्वारा यह भ्रांति उत्पन्न की गई है कि यह शनिश्चरी अमावस्या है। वहीं पंचांग की गणना, तिथि का गणित एवं पर्व काल की स्थिति आदि के आधार पर गणना करते हैं तो 30 नवंबर को शनिवार के दिन चतुर्दशी तिथि रहेगी। रविवार को 1 दिसंबर के दिन स्नान दान की अमावस्या होगी। इस दिन तीर्थ पर जाकर के स्नान दान किया जा सकता है।
जशोदाबेन ने किए महाकाल के दर्शन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने शुक्रवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंच भगवान के दर्शन किए। उन्होंने गर्भगृह की दहलीज से अवंतिकानाथ को शीश नवाया और फिर नंदी हाल में बैठ कुछ देर ध्यान भी लगाया।
भगवान नंदी से मनोकामना की। पुजारियों ने आशीर्वाद स्वरूप जशोदाबेन को भगवान महाकाल को अर्पित वस्त्र और पुष्प हार दिया। जशोदाबेन के साथ उनके स्वजन भी थे। बता दें कि जशोदा बेन पूर्व में भी कई बार श्री महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आ चुकी हैं।
माता तुलसी एवं भगवान शालिग्राम के विवाह का आयोजन 6 दिसंबर को
मध्य प्रदेश के नागदा में माता तुलसी एवं भगवान शालिग्राम के विवाह का आयोजन 6 दिसंबर को होगा। भगवान शालिग्राम की बारात विश्वकर्मा मंदिर से निकाली जाएगी जो ढोल बैंड बाजे के साथ औदिच्य धर्मशाला प्रकाश नगर पहुंचेगी।
कार्यक्रम संयोजक निर्मला रावल ने बताया कि इसको लेकर महिला मंडल की बैठक शुक्रवार को की गई। इसमें तुलसी शालिगरामजी विवाह की रूपरेखा तय की गई। 5 दिसंबर शाम को डॉ. रमेश रावल परिवार की अगवानी में कोटा फाटक स्थित विश्वकर्मा मंदिर भगवान शालिग्राम एवं सभी देव प्रतिमाओं को विवाह का आमंत्रण दिया जाएगा। बैठक में विमला पुरोहित, चंद्रकांता शर्मा आदि उपस्थित थे।