Byju’s News: पहले से ही कई दिक्कतों से जूझ रही ए़़डुटेक फर्म बायजूज एक और दिक्कत में फंस गई है। भारत में इसकी फाइनेंसिंग और अकाउंटिंग प्रैक्टिसेज की जांच शुरू हुई है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। इस जांच का फैसला पिछली जांच में पाई गई खामियों के बाद लिया गया। पिछली बार इसके कॉरपोरेट गवर्नेंस की जांच हुई थी। सरकार ने हैदराबाद की रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के क्षेत्रीय कार्यालय से बायजूज के बुक्स की जांच करने को कहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कंपनी ने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को गलत तरीके से पेश किया है और क्या फंड्स की हेराफेरी हुई है।
Byju’s Probe: एक साल में रजिट्रार ऑफिस को देनी है रिपोर्ट
सूत्रों ने बताया कि बायजूज के अकाउंट्स में कुछ खामियों के चलते नई जांच शुरू की गई है। हालांकि उन्होंने उन खामियों के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी। रजिस्ट्रार ऑफिस को अब इस मानले में अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए एक साल का समय दिया गया है। इससे पहले ब्लूमबर्ग न्यूज ने जून में खुलासा किया था कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने पिछले साल की गई एक सालभर की जांच में बायजूज में कॉरपोरेट गवर्नेंस की कई खामियां पाई थीं, लेकिन किसी भी प्रकार के गलत काम करने का सबूत नहीं मिला था।
2200 करोड़ डॉलर के बायजूज की वैल्यू अब जीरो
एक समय देश की सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप रही बायजूज अब भारतीय और अमेरिकी कोर्ट में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। भारत में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने बैंकरप्सी ट्रिब्यूनल के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें कंपनी को एक अहम क्रेडिटर्स के कर्ज को सेटल करने की मंजूरी मिली थी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से बायजूज फिर इनसॉल्वेंसी प्रोसेस में चली गई। अभी इसने एक निचली अदालत में अपनी याचिका दायर की हुई है और अभी इसका कंट्रोल एक इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के पास है। बायजूज के फाउंडर बायजू रवींद्रन का कहना है कि एक बार उनके स्टार्टअप की वैल्यू 2200 करोड़ डॉलर थी जो गिरकर जीरो हो चुकी है। इसके कुछ बड़े निवेशकों जैसे कि Prosus NV ने इसमें अपने निवेश को अब रिटेन ऑफ कर दिया है।