पेट में दर्द और उल्टी के रूप में ई कोली बैक्टीरिया के लक्षण नजर आते हैं। जो खराब या सड़े हुए खाद्य पदार्थों के सेवन से फैलता है। खासतौर से डिब्बा बंद या पैकेट फल–सब्जियों से। जिन्हें महीनों तक प्रीजर्वेटिव के साथ स्टोर किया जाता है।
अमेरिका में ऑर्गेनिक गाजर के कारण ई.कोली संक्रमण के फैलने से 1 व्यक्ति की मौत हो गई है और 15 अस्पताल में भर्तीं हैं। इसके बाद से अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसियों ने फूड सेफ्टी अलर्ट जारी किया है। इसने सभी ब्रांड्स को अपने प्रोडक्ट्स रिव्यू करने की हिदायत दी है। ई कोली बैक्टीरिया वास्तव में खराब खाद्य उत्पादों के सेवल से फैलता है। जो किसी भी मौसम में और किसी भी प्रोडक्ट के कारण फैल सकता है। फिलहाल गाजर के कारण फैला यह बैक्टीरिया चिंता बढ़ा रहा है। आइए जानते हैं ई कोली बैक्टीरिया के लक्षण, कारण, बचाव के उपाय और उपचार के बारे में सब कुछ (E-coli outbreak linked with carrot) ।
गाजर से पहले प्याज से भी फैल चुका है ई कोली बैक्टीरिया (E. coli bacteria linked with carrot and onion)
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, गाजर का सेवन करने से लोगों में बुखार, दस्त और पेट दर्द के लक्षण पाए गए। हांलाकि ऑर्गेनिक गाजर से पहले बीते महीने मैकडॉनल्ड्स के क्वार्टर पाउंडर्स में कटे हुए प्याज का मामला भी सामने आया था। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने एक बयान जारी कर सूचना दी है कि गाजर खाने के बाद अमेरिका के 18 राज्यों से ई कोली संक्रमण की सूचना मिली है। इसके चलते 40 लोग बीमार हैं। संक्रमण के ज्यादातर मामले ग्रिमवे फार्म्स की ओर से बेची जाने वाली जैविक यानी ऑर्गेनिक गाजर से फैले हैं। यह एक बड़ा फार्म है जो अमेरिका के ज्यादातर स्टोर्स को गाजर सप्लाई करता है।
क्या है ई. कोली बैक्टीरिया (what is E. coli bacteria)
एस्चेरिचिया कोली या ई कोली एक ऐसा बैक्टीरियम है जो इंटेस्टाइंस में रह जाता है। जो संयुक्त राज्य अमेरिका में फूड बॉर्न डिज़ीज़ के सबसे आम कारणों में से एक है। ई कोली की कई प्रजातियां हैं, जिनमें से कुछ हार्मलेस भी होती हैं या हल्के लक्षण होते हैं, जैसे कि मतली, थकान और दस्त का बढ़ना। जबकि कुछ के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
कैसे फैलता है ई.कोली बैक्टीरिया (how E. coli bacteria spreads)
आमतौर पर ये बैक्टीरिया मल के ज़रिए फैलता है। इसके चलते खाद्य पदार्थ और पानी संक्रमित हो जाता हैऔर बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। अक्सर इनमें मौजूद माइक्रोऑरगेनिज्म सब्जियों को पकाने के बाद मर जाते हैं, मगर कच्ची सब्जियां खाने पर वो ज्यों के तयों बने रहते हैं। इसके चलते वे पेट में जाकर दर्द और दस्त की समस्या को बढ़ाते हैं।
ई.कोली बैक्टीरिया के लक्षण (Symptoms of E. coli bacteria)
क्लीवलैंड क्लिनिक की रिपोर्ट की मानें, तो अमेरिका में सालाना 2,50,000 लोग ई- कोली से ग्रस्त होते हैं। मगर इस संक्रमण से प्रभावित लोगों में केवल 10 फीसदी मामलों में ही सिर्फ गंभीरता पाई जाती है।
- जी मचलाना और उल्टी आने की फीलिंग होती है
- पेट में गंभीर दर्द होने लगता है और दबाव महसूस होता है
- दस्त होने लगते है और गंभीर मामलों में खूनी दस्त का सामना करना पड़ता है
- थकान और कमज़ोरी महसूस होती है, निर्जलीकरण की समस्या बनी रहती है।
- भूख कम लगाना और मुंह सूखना
- शरीर में बुखार का बने रहना
लक्षणों के गंभीर रूप धारण करने पर खूनी दस्त का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा किडनी फेलियर जिसे हेमोलिटिक यूरीमिक सिंड्रोम कहा जाता है, हाई ब्लड प्रेशर और न्यूरोलॉजिकल डिज़ीज का सामना करना पड़ता है।
क्या भारत में इसका कोई जोखिम है? (E. coli bacteria risk in India)
डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि भारत में भी पैकेट बंद सब्जियों का प्रचलन दिनों दिन बढ़ रहा है। प्लास्टिक के पैकेट में स्टोर की गई सब्जी सिथेटिक मेटीरियल के संपर्क में आती है। इससे आर्टिफिशल केमिकल रिएक्ट करता है और ऑक्सीजन की कमी के चलते जर्मस ग्रो करने लगते है। इससे ऑर्गेनिक सब्जियां आसानी से स्पॉइल हो जाती हैं। एक्सपर्ट के अनुसार खाद्य पदार्थों को कभी भी पैकेट्स में स्टोन करने की सलाह नही दी जाती है। चाहे, गाजर है मूली है, धनिया पत्ती है या कोई अन्य सब्जी। उसे रेफ्रिजरेट में स्टोर करने के लिए हवादार पैकेटस का प्रयोग करें । इसके अलावा हवादार बर्तन लें, जो ऑक्सीजन के लेवल को बनाए रखता है। फलों और सब्ज्यिं को धोकर ही स्टोर करें।
कैसे किया जा सकता है ई.कोली बैक्टीरिया से बचाव (How to avoid the risk of E. coli bacteria)
मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि सब्जियों को खुले पानी में 3 से 4 बार अवश्य धोना चाहिए। इसके अलावा पैकिट बंद सब्जियों को गुनगुने पानी में धोकर पकाने की सलाह दी जाती है। इससे शरीर पर होने वाले हार्मफुल बैक्टीरिया और कीटनाशकों के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सकता है।
1 गुनगुने पानी से धोएं
सबसे पहले सब्जी को नमक वाले गुनगुने पानी में डालकर धो लें। इससे आउटर लेयर साफ हो जाती है। इसे 10 से 15 मिनट तक पानी में सोक करके रख सकते हैं। अब उसे छीलने के बाद टुकड़ों में काट लें या सब्जी तैयार कर लें। अगर आप कच्चा खाना चाहती है, तो छीलने के बाद दोबारा से धोएं।
2 धोने के लिए खुले बर्तन का प्रयोग करें
ई काली से बचने के लिए सब्जी को खुले बर्तन में डालकर धोएं। इससे सब्जी की सतह पर जमे जीवाणुओं को आसानी से रिमूव किया जा सकता है। धोने के बाद सब्जी को सूखने के लिए स्ट्रेनर पर रखें। इससे गीलापन कम हो जाता है
3 साफ पानी का इस्तेमाल करें
सब्जी को पकाने से पहले धोने के लिए साफ पानी का ही इस्तेमाल करें। इससे शरीर में बैड बैक्टीरिया का स्तर बढ़ने से बचा जा सकता है। सब्जी को पकाने से पहले 2 से 3 बार धोएं।
4 पैकेट बंद सब्जियों का प्रयोग न करें
पैकेट वाली सब्जियों के इस्तेमाल से बचें। इसके अलावा ऑर्गेनिक चीजों की लाइफ कम होती है। पैकेट का इस्तेमाल कंटेमिनेशन का खतरा बढ़ा देता है। इसके अलावा टैम्प्रेचर का भी रोल अधिक होता है। इसके अलावा संक्रमण का खतरा बना रहता है।
बाजार से वापस ली गईं सारी पैकेट बंद गाजर
इस पूरी घटना के बाद ग्रिमवे फार्म्स ने पैकेट बंद कई आकार और ब्रांड के गाजरों को वापिस मंगा लिया है। इस समस्या का प्रकोप कैलिफोर्निया से लेकर न्यूयॉर्क तक अमेरिका के 18 राज्यों में फैला हुआ है। टेक्सास, साउथ कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, कोलोराडो और कई अन्य राज्म इस संक्रमण की चपेट में हैं। ई कोली से ग्रस्त कई लोगों में उल्टी और दस्त के अलावा कई गंभीर लक्षण भी देखते को मिलते हैं। आमतौर पर 3 से 4 दिनों में इस समस्या से राहत मिल जाती है।