अगर आप भी लंबी चलने वाली मीटिंग्स में पेशाब रोक कर बैठी रहती हैं, या लंबी यात्राओं के दौरान टॉयलेट हाइजीन मेंटेन नहीं कर पातीं, तो सामान्य लगने वाली ये बातें आपकी ब्लैडर हेल्थ के लिए जोखिम पैदा कर सकती हैं।
ब्लैडर यानी मूत्राशय शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। जो आपके यूरिनरी सिस्टम यानी मूत्र प्रणाली को मैनेज करता है। जिस प्रकार आप शरीर के अन्य अंगों पर ध्यान देती है, ठीक उसी प्रकार ब्लैडर स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी जरूरी है। ताकि आप एक हेल्दी यूरिनरी साइकिल मेंटेन कर सकें। उम्र के साथ पेशाब कंट्रोल न कर पाना, अचानक से बहुत तेज पेशाब लगना या खांसते या छींकते हुए यूरीन लीक कर जाना ऐसे लक्षण हैं जो खराब ब्लैडर हेल्थ की तरफ इशारा करते हैं। नवंबर ब्लैडर हेल्थ मंथ है (Bladder health awareness month) ताकि आप अपनी ब्लैडर हेल्थ के बारे में और जागरुक हो सकें और खुलकर बात कर सकें।
डॉ. आस्था दयाल, सी के बिरला, गुरुग्राम में स्थित हॉस्पिटल की आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की डायरेक्टर हैं। वे कहती हैं, “आज के समय में महिलाओं में ब्लैडर संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। एक अस्वस्थ ब्लैडर आपकी फर्टिलिटी को भी प्रभावित कर सकता है, इसलिए अपने ब्लैडर स्वास्थ्य को हल्के में न लें।”
ब्लैडर हेल्थ अवेयरनेस मंथ (Bladder health awareness month)
नवंबर को ब्लैडर हेल्थ अवेयरनेस मंथ (Bladder health awareness month) के तौर पर मनाया जाता है। ब्लैडर हेल्थ अवेयरनेस मंथ मनाने का मकसद ब्लैडर स्वास्थ्य और इससे जुड़ी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। साथ ही साथ इसकी देखभाल से जुड़ी जानकारी को जितना हो सके उतना बढ़ावा देना है।
आज भी बहुत सारी ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें ब्लैडर स्वास्थ्य के बारे में जानकारी नहीं होगी। इसलिए ब्लैडर स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के प्रति सावधानी बरतना जरूरी है। वहीं मई में ब्लैडर कैंसर अवेयरनेस मंथ बनाया जाता है, जिसका मकसद लोगों के बीच ब्लैडर कैंसर से जुड़ी जागरूकता को बढ़ाना है।
महिलाओं में होने वाली ब्लैडर संबंधी सामान्य समस्याएं (Urinary problems in women)
खांसते या छींकते समय पेशाब निकल जाना
इस प्रकार की ब्लैडर संबंधी समस्या आम तौर पर खांसी, जोरदार हंसी, इंटेंस एक्सरसाइज, पेल्विक फ्लोर पर अधिक तनाव पड़ने के कारण होती है। जब भी पेल्विक फ्लोर पर दबाव बढ़ता है, तो यह मांसपेशियों को कॉन्ट्रैक्ट कर देता है, जो यूरिनरी सेल्स में दबाव और संकुचन का कारण बनता है। इससे ब्लैडर कमजोर हो जाता है, और इसपर नियंत्रण पाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
2. पेशाब कंट्रोल न कर पाना
ओवरएक्टिव ब्लैडर महिलाओं द्वारा फेस की जाने वाली एक सबसे कॉमन समस्या है। इस स्थिति में महिलाओं को बार-बार बाथरूम के चक्कर लगाने पड़ते हैं, और यूरिन को कंट्रोल कर पाना बेहद मुश्किल होता है। दिया पूरे दिन में 8 से 10 बार बाथरूम जाती हैं, तो आपका ब्लैडर भी ओवर एक्टिव हो सकता है।
3. बार–बार पेशाब आना
ओवरफ्लो इनकांटीनेंस को हिंदी में अतिप्रवाह असंयम कहा जाता है, जो आमतौर पर यूरिनरी लीकेज का एक प्रकार है। यह तब होता है जब ब्लैडर यूरिन होल्ड करने में असमर्थ होता है, और यूरिनेशन के दौरान ब्लैडर को पूरी तरह से खाली नहीं कर पाता। इससे ब्लैडर में यूरिन रह जाता है, जो तेजी से बहता है जिससे थोड़े समय में ही बाथरूम जाने की आवश्यकता महसूस होती है। डायबिटीज और मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित महिलाओं में यह समस्या आम है।
4. बहुत तेज पेशाब लगना
महिलाओं में अर्ज कॉन्टिनेंट्स की समस्या बेहद आम होती है। इस दौरान उन्हें पेशाब करने की अचानक और अनियंत्रित तीव्र इच्छा होती है। इस स्थिति में महिलाओं में लगातार पेशाब करने की इच्छा बनी रहती है। मूत्राशय पर नियंत्रण खोने की समस्या आमतौर पर डायबिटीज और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन आदि जैसी स्थितियों के कारण हो सकती है।
5. पेशाब करते समय दर्द महसूस होना
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें मूत्राशय में अत्यधिक दर्द और असुविधा का अनुभव होता है और महिलाओं को बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस होती है। इस स्थिति में व्यक्ति अपने ब्लैडर पर नियंत्रण नहीं रख पाता। पीरियड्स के दौरान महिलाएं इस स्थिति का अनुभव कर सकती हैं।
6. यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन
ये समस्या महिलाओं में बेहद आम हैं, जिनकी वजह से ब्लैडर संक्रमित हो जाता है। लक्षणों में पेशाब के दौरान जलन, बार-बार पेशाब करने की इच्छा और क्लॉडी यूरिन शामिल हैं। इलाज न किए जाने पर, यूटीआई अधिक गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकती है। शीघ्र चिकित्सा ध्यान और उचित स्वच्छता यूटीआई को प्रभावी ढंग से रोकने के साथ ही इसके इलाह में मदद कर सकती है।
7. ब्लैडर कैंसर
ब्लैडर कैंसर जानलेवा साबित हो सकता है, इसलिए इसके लक्षणों के प्रति सचेत रहना बहुत जरूरी है। लक्षणों में पेशाब में खून आना, बार-बार पेशाब आना और पैल्विक दर्द शामिल हो सकते हैं। यदि ब्लैडर कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए तो इसका ट्रीटमेंट मुमकिन हो सकता है। मूत्राशय कैंसर के लिए रोग के चरण के आधार पर सर्जरी, कीमोथेरेपी या विकिरण चिकित्सा आवश्यकता होती है।
अब जानें ब्लैडर स्वास्थ्य को मेंटेन रखने के टिप्स (how to keep your bladder healthy)
1. यूरिन होल्ड न करें
बहुत सी महिलाओं को यूरिन को लंबे समय तक होल्ड करने की आदत होती है। वहीं कई बार महिलाएं कामकाज के दौरान यूरिन की अर्जेंसी को अवॉइड करती रहती हैं, जिसकी वजह से ब्लैडर कमजोर हो सकता है। साथ ही साथ ब्लैडर संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है और बाद में ये यूरिनरी इनकांटीनेंस का कारण बन सकता है। इसलिए आवश्यकता महसूस होने पर फौरन ब्लैडर खाली करें।
2. पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज
पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज जिसे कीगल एक्सरसाइज भी कहते हैं। यह आपके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे की यूरिन लीकेज का खतरा कम हो जाता है।
3. संतुलित मात्रा में पानी पिएं
अक्सर हम व्यस्तता में पानी पीना भूल जाते है, जिससे कि शरीर की पानी की आवश्यकता पूरी नहीं हो पाती। कम पानी पीने से ब्लैडर संबंधी समस्याएं और ज्यादा बढ़ सकती हैं, इसलिए पूरे दिन उचित मात्रा में पानी पिएं।
4. स्मोकिंग से परहेज करें
नियमित रूप से स्मोकिंग करने से ब्लैडर और किडनी के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा यह आपके ब्लैडर लाइनिंग को इरिटेट करती है, जिसकी वजह से ब्लैडर संक्रमित हो सकता है।
5. बाथरूम हैबिट्स का ध्यान रखें
बाथरूम में महिलाओं को अपने ब्लैडर मांसपेशियों को पूरी तरह से रिलैक्स छोड़ना चाहिए, अन्यथा यूरिन ब्लैडर में रह जाता है। इसके अलावा बाथरूम करने के बाद अपनी वेजाइना को क्लीन करना जरूरी है, क्योंकि कई बार हाइजीन की कमी के कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन यानी कि ब्लैडर इनफेक्शन महिलाओं को संक्रमित कर सकता है। संक्रमण से बचने के लिए टॉयलेट करने के बाद टिशू पेपर से आगे से पीछे की ओर क्लीन करने की आदत बनाएं।
6. डॉक्टर से संपर्क करें
यदि आपको ब्लैडर संबंधी किसी प्रकार की समस्या महसूस हो रही है, और वे लगातार कुछ दिनों तक बनी हुई है, तो आपको अधिक इंतजार नहीं करना चाहिए। फौरन डॉक्टर से मिलकर सलाह लेनी चाहिए ताकि समस्या शुरुआती स्टेज में ही पकड़ में आ जाए और ट्रीटमेंट शुरू किया जा सके।
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