स्वास्थ्य लाभ के लिये चोकरयुक्त बाजरा
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ‘‘इम्पैक्ट ऑफ डीब्रानिंग (अनाज के बाहरी चोकर की परत को हटाने की प्रक्रिया) ऑन द न्यूट्रिशनल, कुकिंग, माइक्रो स्ट्रक्चरल, कैरेक्टरिस्टिक ऑफ फाइव इंडियन स्माॅल मिल्लेट्स’’ शीर्षक से एक अध्ययन प्रकाशित हुआ था।
अध्ययन की मुख्य बातें क्या हैं?
- डी-ब्रानिंग का पोषण संबंधी प्रभाव: बाजरे से चोकर निकालने से प्रोटीन, आहार फाइबर, वसा, खनिज और फाइटेट सामग्री कम हो जाती है, जबकि कार्बोहाइड्रेट तथा एमाइलोज सामग्री बढ़ जाती है।
- इससे उनके स्वास्थ्य लाभ कम हो जाते हैं और उनका ग्लाइसेमिक लोड अधिक हो जाता है।
- बाजरे की ऊपरी परत हटाने और उसे चमकदार बनाने से उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है तथा वह मुलायम हो जाता है, जिससे इसके पकने का समय कम हो जाता है।
- हालाँकि वैक्यूम-सीलिंग के माध्यम से चोकर को हटाए बिना साबुत अनाज वाले बाजरे की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सकती है।
- बाजरे के स्वास्थ्य संबंधी लाभ: बाजरे में लौह, जस्ता और कैल्शियम जैसे खनिज पाए जाते हैं, साथ ही इसमें बायोएक्टिव फ्लेवोनोइड्स भी होते हैं, जो स्वास्थ्य हेतु लाभदायक होते हैं।
- वे मधुमेह को रोकने, हाइपरलिपिडिमिया को प्रबंधित और वज़न कम करने तथा रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं, साथ ही हृदय रोग (CVD) पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
- वे ग्लूटेन मुक्त होते हैं और इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो सीलिएक रोग या मधुमेह वाले लोगों के लिये लाभकारी होता है।
बाजरे के विषय में मुख्य बिंदु क्या हैं?
- यह एक सामूहिक शब्द है जो अनेक छोटे बीज वाली घासों को संदर्भित करता है, जिनकी खेती अनाज की फसलों के रूप में की जाती है, ये घासें मुख्य रूप से समशीतोष्ण, उपोष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में शुष्क भूमि (विशेष रूप से सीमांत भूमि पर) पर उगाई जाती हैं।
- भारत में उपलब्ध कुछ सामान्य मोटे अनाज में रागी (फिंगर मिलेट), ज्वार (सोरघम), समा (लिटिल मिलेट), बाजरा (पर्ल मिलेट) और वरिगा (प्रोसो मिलेट) शामिल हैं।
- वैश्विक और भारतीय उत्पादन: भारत बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है, जिसके बाद नाइज़र तथा चीन का स्थान है।
- वर्ष 2020 में वैश्विक बाजरा उत्पादन 28 मिलियन मीट्रिक टन था, जिसकी प्रमुख खपत अफ्रीका और एशिया में हुई।
- बाजरा संवर्द्धन: खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मान्यता दी गई।
- पारिस्थितिक और आर्थिक लाभ: बाजरे को बहुत कम पानी, उर्वरक और कीटनाशकों की आवश्यकता होती है तथा यह सूखे की स्थिति के अनुकूल है जो शुष्क और अर्द्ध-शुष्क वातावरण में भी अच्छी तरह विकसित हो सकता है।
- यह दोहरे उद्देश्य की पूर्ति करता है, इसका उपयोग भोजन और चारे दोनों के रूप में किया जाता है, जिससे कृषि दक्षता में वृद्धि होती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स
प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन से ‘राष्ट्रीय पोषण मिशन (नेशनल न्यूट्रिशन मिशन)’ के उद्देश्य हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1 और 2
उत्तर: (a)
प्रश्न: ‘गहन कदन्न संवर्धन के माध्यम से पोषण सुरक्षा हेतु पहल (Initiative for Nutritional Security through Intensive Millets Promotion)’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है/हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1
उत्तर: (c)
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