Mistakes While Giving Solid Food to Babies: जन्म के 6 माह तक शिशु को मां का दूध ही दिया जाता है। 6 महीने के बाद शिशु का शारीरिक व मानसिक विकास तेजी से हो इसके लिए डॉक्टर मां के दूध के साथ सॉलिड फूड यानी की ठोस आहार खिलाने की सलाह देते हैं। शिशुओं को ठोस आहार खिलाते वक्त पेरेंट्स अक्सर वही पुराने दादी और नानी के नुस्खों को अपनाते हैं। कभी बच्चे को लगातार दाल का पानी दिया जाता है, तो कभी शिशु को दलिया खिलाया जाता है। दादी-नानी के पैटर्न को अपनाते हुए पेरेंट्स अक्सर इस बात की शिकायत करते हैं कि उनका बच्चा सही तरीके से खाता नहीं, जिसकी वजह से उनका शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा है।
लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरूण आनंद का कहना है कि न्यू पेरेंट्स बच्चों को सॉलिड फूड खिलाते समय कुछ गलतियां करती हैं, जिससे बच्चे नहीं खाते हैं। इस विषय पर डॉ. तरूण आनंद ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो भी शेयर किया है। आज इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करने वाले हैं। अगर आप भी पहली बार पेरेंट्स बनें हैं, तो शिशु को सॉलिड फूड खिलाते समय इन गलतियों को करने से बचें।
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2. बनावट के बारे में भूलें
जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता है, उसके भोजन की बनावट भी बदलनी चाहिए। चबाने के कौशल में मदद के लिए प्यूरी से नरम मसले हुए खाद्य पदार्थों और फिर फिंगर फ़ूड पर जाएं। शिशु को रोजाना एक तरह का खाना खिलाने की बजाय, उसमें रोजाना बदलाव करें। अगर आप बच्चे को सेब खिला रहे हैं, तो उसके बाद दलिया और सूजी का हलवा शामिल करें। डॉक्टर का कहना है कि पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए, बच्चे के खाने में वैरायटी नहीं होगी, तो वह खाने से बचेंगे।
3. पैकेज्ड फूड न दें
डॉक्टर के अनुसार, बच्चों को सॉलिड फूड खिलाते समय हमेशा पैकेज्ड फूड पर निर्भर न करें। बच्चों को घर पर बना हुआ खाना भी खिलाएं। घर पर बना खाना आपके बच्चे को विभिन्न प्रकार की बनावट और पोषक तत्व प्रदान करता है। वहीं, पैकैज्ड फूड में चीनी और आर्टिफिशियल फ्लेवर्स का इस्तेमाल ज्यादा होता है, जो शिशु की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
4. मीठे या नमकीन खाद्य पदार्थ देना
डॉक्टर के अनुसार, बच्चों को सॉलिड फूड से खिलाते समय ज्यादा चीनी और नमक का इस्तेमाल करने से बचें। बच्चों को शुरुआत से फल व सब्जियों के नैचुरल फ्लेवर के साथ जोड़ने की कोशिश करें।
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5. एलर्जी वाले खाद्य पदार्थ न खिलाएं
शिशु को सॉलिड फूड से परिचय कराते समय अंडे और मूंगफली जैसी एलर्जी वाली चीजों से दूरी बनाएं। डॉ. तरूण आनंद का कहना है कि शिशु को मूंगफली और अंडे खिलाना तभी शुरू करें, जब उसका पाचन तंत्र थोड़ा मजबूत हो चुका हो।
6. ज्यादा खिलाना या कम खिलाना
अपने बच्चे को यह तय करने दें कि वह कितना खाए। पेरेंट्स को बच्चों को ज्यादा खाना खिलाने में असुविधा हो सकती है। वहीं, अगर शिशु अपनी जरूरत के हिसाब से कम खाएगा, तो उसे जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाएंगे।
7. भोजन के समय में जल्दबाजी
भोजन का समय शिशुओं के लिए बनावट और स्वाद को जानने का मौका होता है। धैर्य रखें और अगर वह खाने के साथ खेल रहा है, तो बच्चे को ऐसा करने दें। बच्चों को जल्दबाजी में खिलाने से परहेज करें।
उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा और आप अपने बच्चे को सॉलिड फूड खिलाते समय में इन गलतियों को करने से बचेंगे।
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