सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस बीच विशेष रूप से खीर बनाई जाती है, जिसे रात में चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है। मान्यता है कि इस दौरान अमृत वर्षा होती है और खीर औषधि का काम करती है। देश के विभिन्न हिस्सों में इसके लिए विशेष आयोजन किए जाते हैं।
By Arvind Dubey
Publish Date: Tue, 15 Oct 2024 10:30:47 AM (IST)
Updated Date: Tue, 15 Oct 2024 10:52:59 AM (IST)
HighLights
- तिथि मतांतर के कारण लोगों में दुविधा की स्थिति
- उज्जैन में संध्या आरती में शरद उत्सव मनाया जाएगा
- हरि को खीर व हर को केसरिया दूध का भोग लगेगा
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन : Sharad Purnima 2024: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल व भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में 16 अक्टूबर को शरद उत्सव मनाया जाएगा। हालांकि कुछ विद्वान सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि की मान्यता के चलते 17 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाने की बात कह रहे हैं।
तिथि मतांतर के चलते हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहार दो दिन मनाए जा रहे हैं। दीपावली को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। वहीं शरद पूर्णिमा को लेकर भी दो मत सामने आ रहे हैं। कुछ विद्वान 16 व कुछ 17 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा बता रहे हैं। महाकालेश्वर व सांदीपनि आश्रम में भी 16 अक्टूबर को ही शरद उत्सव मनाया जा रहा है।
उज्जैन में ऐसे मनाई जाती है शरद पूर्णिमा
- ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में शाम को संध्या आरती में शरद उत्सव मनाया जाएगा। भगवान महाकाल को केसरिया दूध का भोग लगेगा।
- इसी प्रकार सांदीपनि आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण, बलराम व सुदामा जी को सफेद वस्त्र धारण कराए जाएंगे। साथ विशेष श्रृंगार होगा।
- शाम को विशेष मुहूर्त में ठाकुर जी को साबूदाने की केसरिया खीर का भोग लगाकर आरती होगी। भक्तों को महाप्रसादी का वितरण होगा।
शरद पूर्णिमा पर गरबों का आयोजन
इस बीच, मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा से खबर है कि यहां नगरपालिका एवं सनातन हिंदू जागृति मंच के तत्वावधान में शरद पूर्णिमा पर माधव गार्डन में गरबों का आयोजन होगा। नपाध्यक्ष संतोष गेहलोत के अनुसार गरबों में लगभग 350 से अधिक पुरस्कार वितरित किए जाएंगे।
सांसद प्रतिनिधि ओपी गेहलोत ने बताया कि 15 अगस्त की सुबह माधव गार्डन में निश्शुल्क स्वास्थ्य शिविर, शाम को सुंदरकांड, 16 अगस्त की सुबह स्वास्थ्य शिविर एवं रात्रि आठ से साढ़े 11 बजे तक गरबों का आयोजन होगा। रात्रि 12 बजे खीर का वितरण किया जाएगा।
त्रयोदशी एकादशी पर गोमाता की सेवा
इसी तरह, मध्य प्रदेश के रतलाम में सेंट्रल गवर्नमेंट व रेलवे पेंशनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी, सदस्यों ने बरबड़ स्थित गोशाला पर त्रयोदशी एकादशी पर गोमाता की सेवा कर आशीर्वाद लिया। गोमाता को घास, गुड़ का सेवन कराकर पूजा-अर्चना की गई। उपस्थित पदाधिकारी व सदस्यों ने गोमाता की जय के जयघोष के साथ सेवा की।
पंडित लक्ष्मण पाठक ने बताया कि अश्विन शुक्ल एकादशी को दुर्लभ संयोग बन गया है। सूर्योदय सुबह 6:30 बजे से एकादशी तिथि तथा सुबह 6:42 बजे से द्वादशी तिथि रहेगी और इसी दिन मध्य रात्रि बाद ब्रह्म मुहूर्त में 3:43 से त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ हो जाएगा। इस एक ही दिन में तीन तिथियां स्पर्श करेगी। शास्त्रों में इसे त्रयोदशी एकादशी कहा जाता है।