पीयूष मिश्रा13 मिनट पहले
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प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का दूसरा चरण हाल ही में शुरू किया गया है। इसमें पात्र व्यक्तियों को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) के माध्यम से होम लोन पर रियायत मिलती है। लेकिन कई लोगों को ये पता नहीं है कि स्कीम की कुछ शर्तों के उल्लंघन पर सरकार सब्सिडी वापस ले सकती है।
सब्सिडी कब वापस हो सकती है?
मोटे तौर पर ऐसी तीन परिस्थितियां हैं, जिनके तहत क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी वापस ली जा सकती है।
- पहली स्थिति: अगर कर्ज लेने वाला बैंक को लोन की किस्तें देने में चूक करता है और लोन एनपीए बन जाता है। यानी उसकी वसूली मुमकिन नहीं।
- दूसरी स्थिति: जब संबंधित व्यक्ति को क्रेडिट सब्सिडी दी जा चुकी हो, लेकिन कुछ कारणों से मकान का निर्माण रुक गया हो। ऐसे में सब्सिडी की रकम सरकार को लौटानी होगी।
- तीसरी स्थिति: मकान के इस्तेमाल का प्रमाण पत्र जमा नहीं करने पर सरकार सब्सिडी वापस ले सकती है। कर्ज देने वाले बैंक को मकान का निर्माण पूरा होने के लिए नोडल एजेंसी को कर्ज राशि की पहली किस्त बांटने की तारीख से एक साल के अंदर या अधिकतम 36 महीनों के भीतर उपयोग/अंतिम-उपयोग का प्रमाण पत्र जमा कराना होता है। इस प्रमाण पत्र के अभाव में बैंक को संबंधित नोडल एजेंसी को सब्सिडी वापस करनी होती है।
परिवार में केवल एक सब्सिडी
योजना के तहत परिवार के प्रत्येक सदस्य को केवल एक ही सब्सिडी दी जाती है। इसमें पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल हैं।
ईएमआई वापस लेने पर क्या होता है?
जब सब्सिडी समाप्त हो जाती है, तो लोन लेने वाले को मूल ब्याज दर पर लौटना पड़ता है, जिससे ईएमआई में बढ़ोतरी होती है।
क्या पहले से ही एक होम लोन है तो पीएमएवाई सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं?
आप मौजूदा होम लोन पर पीएमएवाई सब्सिडी का लाभ नहीं उठा सकते। पीएमएवाई सब्सिडी उन लोगों के लिए है जो पहली बार मकान ले रहे हैं।