Greeva Basti Benefits: भारत में कई हजार सालों से आयुर्वेदिक पद्धति के द्वारा लोगों का इलाज किया जा रहा है। यहीं कारण है कि आज भारते के साथ-साथ दूसरे देशों में आयुर्वेद के द्वारा इलाज किया जाने लगा है। आयुर्वेद में रोगी के शरीर के दोष को समझकर उसका इलाज किया जाता है। दरअसल, आयुर्वेद के अनुसार में व्यक्ति के शरीर में कफ, पित्त और वात के तीन तरह के दोष के कारण ही रोग की उत्पत्ति होती है। ऐसे में इन रोगों को दूर करने के लिए प्रकृति से प्राप्त औषधियों और थेरेपी का सहारा लिया जाता है। आज हम आपको ग्रीवा बस्ती थेरेपी के बारे में बताने जा रहे हैं। आगे मध्य प्रदेश के रीवा स्वास्थ्य केंद्र की आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर सोनलाी गर्ग से जानते हैं ग्रीवा बस्ती के फायदे और इसे करने का तरीका।
ग्रीवा बस्ती क्या है? – What is Greeva Basti In Hindi
ग्रीवा बस्ती से मांसपेशियां के तनाव अकड़न, माइग्रेन, हड्डियां का दर्द, गठिया आदि कई रोगों का इलाज किया जाता है। इसमें आयुर्वेदाचार्य गुथे हुए आटे की एक रिंग तैयार करते हैं। यह रिंग आपकी गर्दन के निचले हस्से पर लगाई जाती है। इसके बाद इसमें गर्म औषधिय युक्त तेल को इसमें डाला जाता है। इससे रोगी को कई तरह की बीमारियों में आराम मिलता है। तेल को टिश्यू में गहराई से प्रवेश कराया जाता है। इससे मांसपेशियों, तंत्रिकाओं और जोड़ों को पोषण दिया जाता है, साथ ही दोषों को शांत किया जाता है।
ग्रीवा बस्ती के पांच अचूक फायदे – Benefits Of Greeva Basti In Hindi
गर्दन की अकड़न और दर्द को कम करता है
ग्रीवा बस्ती गर्दन की कठोरता को दूर करता है। आज की खराब लाइफस्टाइल में, जहां घंटों स्क्रीन या डेस्क पर झुककर बिताया जाता है, गर्दन का दर्द तेजी से बढ़ रहा है। ग्रीवा बस्ती सर्वाइकल जोड़ों की मांसपेशियों को मजबूत करता है। साथ ही, तनाम को कम करने में मदद कर सकती है।
शरीर के कार्य को बेहतर करें
गर्दन के कम इस्तेमाल से लाइफस्टाइल पर बुरा असर पड़ सकता है। ग्रीवा बस्ती धीरे-धीरे प्रभावित क्षेत्र का पोषण प्रदान करती है, साथ ही जिस हिस्से में अकड़न आ गई है उसको दूर करती है। जोड़ों और टिश्यू को पोषण प्रदान करती है।
नर्वस सिस्टम को शांत करें
नर्वस सिस्टम में समस्या के कारण बाहों, कंधों और पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द या सुन्नता हो सकती है। ग्रीवा बस्ती ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करती है। इससे नर्वस सिस्टम के आसपास सूजन को कम करने में मदद मिलती है। गर्म हर्बल तेल टिश्यू में गहराई से प्रवेश करता है, जिससे नसों को आराम मिलता है।
माइग्रेन के दर्द को दूर करें
ग्रीवा बस्ती से आप माइग्रेन के दर्द को दूर कर सकते हैं। दरअसल, इस थेरेपी में तेल के इस्तेमाल से गर्दन के द्वारा सिर की नसों तक ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे माइग्रेन में होने वाली परेशानी को दूर किया जा सकता है। साथ ही, स्ट्रेस लेवल को भी कम करने में मदद मिलती है।
गठिया के दर्द को कम करें
इस थेरेपी के इस्तेमाल से जोड़ों और हड्डियो में होने वाले दर्द को दूर किया जा सकता है। इसमें रोगी के जो़डों पर तेल डाला जाता है। इससे जोड़ों के टिश्यू को दोबारा सही किया जा सकता है। साथ ही, गठिया के दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
ग्रीवा बस्ती कैसे करें – Procedure Of Greeva Basti In Hindi
- इस थेरेपी में उपचार के लिए औषधीय तेल तैयार किया जाता है। आयुर्वेदाचार्य इसमें अश्वगंधा, दशमूल और गुग्गुलु जैसी जड़ी-बूटियों से युक्त तिल का तेल आदि औषधियों का उपयोग कर सकते हैं।
- बस्ती रिंग बनाएं: गूथे हुए आटे की लगभग दो इंच व्यास वाली रिंग बनाएं और इसे ग्रीवा क्षेत्र के चारों ओर रखें, ताकि यह अच्छी तरह से फिट हो जाए।
- गर्म तेल डालें: औषधीय तेल को हल्का गुनगुना करके, इसे धीरे-धीरे आटे की रिंग में डालें, जिससे यह पूरी तरह से गर्दन में इकट्ठा हो जाए।
- तेल को बस्ती में 20-30 मिनट तक रहने दें, गर्मी बनाए रखने के लिए समय-समय पर इसे दोबारा गर्म करें और फिर से भरें। इस दौरान, अवशोषण के लिए आप इस तेल को पीठ व गर्दन के अन्य हिस्से में मालिश कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: रात में सोने से पहले पिएं 1 गिलास गुनगुना पानी, मिलेंगे ये 11 फायदे
Benefits Of Greeva Basti: ग्रीवा बस्ती थेरेपी को आप किसी प्रशिक्षित आयुर्वेदाचार्य की देखरेख में ही कराएं। आयुर्वेदाचार्य आपके रोग और दोष की प्रकृति के अनुसार औषधियों का चयन कर सकते हैं। इस थेरेपी के दो से तीन सेशन से ही आपको आराम मिलने लगेगा।