माता की आराधना के नौ दिन यानी नवरात्र 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। इसके लिए आज यानी एक अक्टूबर को 40 सदस्यीय एक दल हिमाचल से ज्वालादेवी की ज्वाला लेकर इंदौर के लिए रवाना हो चुका है। 3 अक्टूबर को इस ज्योति को रेडिसन चौराहा स्थित दिव्य शक्तिपीठ में प्रतिष्ठित किया जाएगा। इस दौरान 251 महिलाएं दोपहर 3.30 बजे सत्यसाईं चौराहे से चुनरी कलश यात्रा निकालेंगी।
By Shashank Shekhar Bajpai
Edited By: Shashank Shekhar Bajpai
Publish Date: Tue, 01 Oct 2024 03:00:00 PM (IST)
Updated Date: Tue, 01 Oct 2024 03:00:00 PM (IST)
HighLights
- इंदौर से तीन पंडितों के साथ 40 सदस्यीय दल रवाना।
- तीन अक्टूबर को ज्वाला देवी की ज्योति लेकर लौटेगा।
- नवरात्र के पहले दिन रथ पर रखकर होगा नगर भ्रमण।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक हिमाचल प्रदेश स्थित आदि शक्ति मां ज्वाला की दिव्य ज्योति इंदौर के रेडिसन चौराहा स्थित दिव्य शक्तिपीठ में प्रतिष्ठित की जाएगी। इसके लिए 40 सदस्यीय दल एक अक्टूबर को ज्वाला माता की ज्योत लेकर इंदौर के लिए रवाना होगा।
इसमें शक्तिपीठ के तीन पंडितों के साथ एक स्थानीय पंडित भी रहेंगे। ज्योत का आगमन तीन अक्टूबर को होगा। इस मौके पर दोपहर 3.30 बजे सत्यसाईं चौराहे से चुनरी कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसमें 251 महिलाएं कलश लिए और बालिकाएं गरबा करते हुए चलेंगी।
सदियों से जल रहीं हैं नौ ज्योतियां
एक रथ पर अखंड ज्योत विराजित रहेगी। इसके बाद दिव्य शक्तिपीठ में माता लक्ष्मी, सरस्वती और मां काली की मूर्ति के समीप ही अखंड ज्योति की प्रतिष्ठा होगी। इसके बाद शाम 7.30 बजे महाआरती की जाएगी। दिव्य शक्तिपीठ की प्रमुख दिव्या गुप्ता ने बताया कि ज्वाला देवी में सदियों से ज्योत जल रही है।
यह बिना तेल-बाती जल रही है। ज्वाला देवी मंदिर में नौ ज्वालाएं जलती हैं, जिन्हे नौ माताओं का प्रतीक माना जाता है। बताया जाता है कि माता सती के अंग अलग-अलग स्थानों पर गिरे थे, तब यहां जीभ गिरी थी।
समाजसेवी विष्णु बिंदल ने बताया कि बाबा गोरखनाथ भी ज्वाला देवी के बड़े भक्त थे। इससे ज्योत के दर्शन का लाभ शहर में ही भक्तों को मिल सकेगा।
बनेगी मां शारदा मंदिर मैहर की प्रतिकृति
विश्व प्रसिद्ध सर्व सिद्धि मां शारदा माता मैहर का दरबार जयरामपुर कालोनी में तीन अक्टूबर से सजेगा। सार्वजनिक महोत्सव समिति जयरामपुर कालोनी के सचिव अनिल आगा ने बताया कि विगत 31 वर्षों से नवरात्र महोत्सव मनाया जा रहा है। इस बार माता शारदा भवानी मैहर के मंदिर की प्रतिकृति बनाई जाएगी।
शहर के कलाकारों द्वारा ही प्रतिमा का निर्माण और शृंगार भी किया जाएगा। हर दिन मां का अलग-अलग रूपों में शृंगार कर उन्हें अर्पित की जाने वाली वस्तुओं का ही भोग लगाकर पूजन किया जाएगा। नवरात्र में श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ और हवन पूजन होगा।