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Indira Ekadashi 2024: पितरों को भी मोक्ष दिलाती है इंदिरा एकादशी, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

bareillyonline.com by bareillyonline.com
21 September 2024
in न्यूज़
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सितंबर में कृष्ण पक्ष की एकादशी अश्विन मास में पड़ेगी। इसे इंदिरा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान पितृ पक्ष भी चल रहे होंगे। कहते हैं कि इंदिरा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के पितरों को मोक्ष मिलता है। जाने-अनजाने में हुए जिन पापों की वजह से पूर्वज यमलोक में जाते हैं, उन्हें मोक्ष मिलता है।

By Shashank Shekhar Bajpai

Edited By: Shashank Shekhar Bajpai

Publish Date: Sat, 21 Sep 2024 08:00:00 AM (IST)

Updated Date: Sat, 21 Sep 2024 08:00:00 AM (IST)

Indira Ekadashi 2024: पितरों को भी मोक्ष दिलाती है इंदिरा एकादशी, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त
इंदिरा एकादशी का व्रत करने वाले को नहीं करना पड़ता है यमलोक की यातना का सामना।

शशांक शेखर बाजपेई, इंदौर। अश्विन मास की इंदिरा एकादशी कृष्ण पक्ष की 11वीं ​तिथि को पड़ेगी। उस समय पितृ पक्ष भी चल रहा होगा। इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि जो लोग इंदिरा एकादशी का व्रत और पूजन करते हैं, उनके पितरों को मोक्ष मिलता है।

अधोगति के कारण यमलोक में फंसे पितरों को मुक्ति मिलती है। ऐसे जातकों को पितरों का आशीर्वाद मिलता है। शास्त्रों में बताया गया है कि इंदिरा एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति की सात पीढ़ियों के पितर मोक्ष को प्राप्त करते हैं।

इस एकादशी का व्रत करने वाले मनुष्य को यमलोक की यातना का सामना नहीं करना पड़ता। मृत्यु के बाद व्रत करने वाले व्यक्ति को भी बैकुंठ की प्राप्ति होती है।

कब है इंदिरा एकादशी और मुहूर्त

पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि अश्विनी माह के कृष्ण पक्ष में 27 सितंबर को दोपहर 1.20 बजे एकादशी तिथि लगेगी। उदियातिथि के अनुसार, एकादशी का व्रत 28 सितंबर को किया जाएगा। इस दिन सिद्ध योग रात 11.51 मिनट तक रहेगा। साथ ही शिववास योग भी रहेगा।

ऐसे करें पूजा अनुष्ठान

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म के बाद स्नान करें।
  • पाटे पर भगवान विष्णु की मूर्ति या फोटो को रखें।
  • दीपक जलाएं, मूर्ति को माला पहनाएं और तिलक करें।
  • फल, सूखे मेवे और मिठाई चढ़ाएं, तुलसी पत्र रखें।
  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें या भगवान राम या कृष्ण की आराधाना करें।

इन मंत्रों का करें जाप

पंडित गिरीश व्यास के अनुसार, यदि आपको कोई मंत्र आदि नहीं आते हैं, तो ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ का यथा संभव जाप करें। इसके अलावा ‘हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे हरे। हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे’ का जाप भी कर सकते हैं।

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