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Dol Gyaras 2024: आज सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जा रही डोल ग्यारस, इसी दिन हुआ था भगवान श्री कृष्ण का जलवा पूजन

bareillyonline.com by bareillyonline.com
14 September 2024
in न्यूज़
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डोल ग्यारस (Dol Gyaras 2024) के अवसर पर देश के सभी प्रमुख कृष्ण मंदिरों में पूजा-अर्चना होती है। भगवान कृष्ण की मूर्ति को एक डोल में विराजमान कर उनको नगर भ्रमण कराया जाता है। इस अवसर पर कई शहरों में मेले, चल समारोह, अखाड़ों का प्रदर्शन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

By Arvind Dubey

Publish Date: Sat, 14 Sep 2024 12:59:09 PM (IST)

Updated Date: Sat, 14 Sep 2024 12:59:09 PM (IST)

Dol Gyaras 2024: आज सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जा रही डोल ग्यारस, इसी दिन हुआ था भगवान श्री कृष्ण का जलवा पूजन
भाद्रपद शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी के साथ ही डोल ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है।

HighLights

  1. आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व
  2. डोल ग्यारस को परिवर्तिनी एकादशी भी कहा जाता है
  3. कृष्ण मंदिरों में होती साज सज्जा, निकलती हैं झांकियां

धर्म डेस्क, इंदौर (Dol Gyaras 2024)। सर्वाथ सिद्धि योग में शनिवार को डोल ग्यारस एकादशी मनाई जा रही है। एकादशी से गणेशजी की विदाई का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता के अनुसार, इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप का जलवा पूजन किया गया था। इसीलिए इसे डोल ग्यारस कहा जाता है।

Dol Gyaras 2024: भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा

  • इस दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। परिवर्तिनी एकादशी के व्रत से सभी दु:ख दूर होकर मुक्ति मिलती है।
  • परिवर्तिनी एकादशी को पार्श्व एकादशी, वामन एकादशी, पद्मा एकादशी, जयझूलनी एकादशी और जयंती एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
  • इसी दिन राजा बलि से भगवान विष्णु ने सर्वस्व दान में मांग लिया था और भक्ति से प्रसन्न होकर अपनी एक प्रतिमा राजा बलि को सौंप दी थी।
  • इसके साथ ही डोल ग्यारस पर भगवान राधा-कृष्ण के एक से बढ़कर एक नयनाभिराम विद्युत सज्जित डोल निकाले जाते हैं।

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डोल ग्यारस के पूजा मुहूर्त

इस दिन श्रावण नक्षत्र है। सुबह 11 बजकर 28 मिनट से 12 बजकर 17 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। शाम पांच बजकर 26 मिनिट से सात बजे तक अमृत काल रहेगा। शाम पांच बजकर 48 मिनट से छह बजकर 12 मिनट बजे तक गोधूलि मुहूर्त रहेगा।

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