मुंबई18 मिनट पहले
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पार्लियामेंट की पब्लिक अकाउंट कमेटी (PAC) सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) चीफ माधबी पुरी बुच पर लगे आरोपों पर जांच के समन जारी कर सकती है।
बिजनेस स्टैंडर्ड ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक रेगुलेटरी बॉडी के कामकाज की जांच अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग के आरोप और इस मामले में सेबी चीफ का नाम शामिल होने से है।
PAC इस मामले में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालयों के अधिकारियों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। इस मामले में जांच के लिए बुच को सितंबर के अंत तक PAC के सामने पेश होने के लिए बुलाया जा सकता है।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली PAC ने कहा कि वह 2024-25 सेशन के दौरान रेगुलेटरी बॉडिज और सेबी की के कामकाज का रिव्यू करेगी। इस दौरान माधबी बुच से पूछताछ भी हो सकती है।
सेबी कर्मचारियों का विरोध और हिंडनबर्ग के आरोपों से घीरी हैं बुच
सेबी चीफ का इस्तीफा मांग रहें कर्मचारी इससे पहले सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के सैकड़ों कर्मचारियों ने कल (5 सितंबर) सुबह टॉप मैनेजमेंट के खिलाफ प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का आरोप है कि टॉप मैनेजमेंट काम को लेकर दबाव बनाता है। कर्मचारी सेबी चीफ माधबी पुरी बुच का इस्तीफा मांग रहे हैं।
पिछले महीने सेबी के कर्मचारियों ने इस मामले में वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर टॉक्सिक वर्क कल्चर पर चिंता जताई थी। कर्मचारियों ने लीडरशिप पर कठोर भाषा का उपयोग करने, अनरियलिस्टिक टारगेट सेट करने और माइक्रोमैनेजमेंट का आरोप लगाया था।
ZEE के फाउंडर ने सेबी चीफ पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया था मंगलवार (3 सितंबर) को ZEE के फाउंडर सुभाष चंद्रा ने SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर पक्षपात, भ्रष्टाचार और अनैतिक व्यवहार का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि SEBI चेयरपर्सन भ्रष्ट हैं, क्योंकि सेबी में पद संभालने से पहले बुच और उनके पति की संयुक्त आय लगभग 1 करोड़ रुपए प्रति वर्ष थी, जो अब 40-50 करोड़ रुपए प्रति वर्ष हो गई है।
कांग्रेस ने SEBI पर तीन जगह से सैलरी लेने का आरोप लगाया इससे पहले सोमवार को SEBI पर कांग्रेस पार्टी ने भी SEBI से जुड़े होने के दौरान ICICI बैंक समेत 3 जगहों से सैलरी लेने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ‘माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थीं। फिर 2 मार्च, 2022 को माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन बनीं।
SEBI की चेयरपर्सन को नियुक्त करने वाली कैबिनेट में PM मोदी और अमित शाह शामिल हैं।’ उधर, ICICI ने आरोपों को नकार दिया और कहा, ‘बैंक से रिटायर होने के बाद माधवी को कोई सैलरी या एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन नहीं दिया गया। उन्होंने सिर्फ रिटायरमेंटल बेनिफिट्स लिए।’