नई दिल्ली57 मिनट पहले
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धारावी को 1882 में अंग्रेजों ने बसाया था। मजदूरों को किफायती ठिकाना देने के मकसद से इसे बसाया गया था।
अडाणी ग्रुप ने धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (DRP) में 2000 करोड़ रुपए का निवेश किया है। मुंबई में 640 एकड़ में फैले एशिया के सबसे बड़े स्लम के रीडेवलपमेंट के लिए अडाणी ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस (FE) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जॉइंट वेंचर को अडाणी ग्रुप लीड कर रहा है, जो धारावी में रेसिडेंशियल और कमर्शियल यूनिट्स बनाने के लिए जिम्मेदार है।
यह मेरे करियर का सबसे चैलेंजिंग प्रोजेक्ट: CEO
धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के CEO एसवीआर श्रीनिवास ने कहा कि यह मेरे करियर का सबसे चैलेंजिंग प्रोजेक्ट है। चैलेंजेस के बावजूद प्रोजेक्ट का टारगेट अगले दो से ढाई साल के अंदर रिहैबिलिटेशन और एलिजिबल फैमिलीज को फिर से बसाना शुरू करना है।
DRPPL के CEO S.V.R. श्रीनिवास
भारतीय रेलवे को पहले ही 1,000 करोड़ रुपए का पेमेंट किया
अडाणी ग्रुप ने प्रोजेक्ट के लिए एलोकेटेड 27 एकड़ लैंड के लिए भारतीय रेलवे को पहले ही 1,000 करोड़ रुपए का पेमेंट कर दिया है। धारावी में टेनमेंट्स यानी घरों की गिनती और डिटेल्ड सर्वे करने के लिए एडिशनल फंड का यूज किया जा रहा है, जो मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
एक से दो महीने में कंस्ट्रक्शन शुरू होने की उम्मीद
इस प्रोजेक्ट का टारगेट अगले चार से छह महीनों के भीतर रेलवे की जमीन पर रिहैबिलिटेशन बिल्डिंग्स बनाना शुरू करना है, जिसके एक से दो महीने में कंस्ट्रक्शन शुरू होने की उम्मीद है।
15,000 से 20,000 घरों को बनाने का प्लान
जॉइंट वेंचर ने एलोकेटेड लैंड पर 15,000 से 20,000 यूनिट्स यानी घरों को बनाने का प्लान बनाया है। इस प्रोजेक्ट में कई भूमिकाओं के लिए 100 से ज्यादा कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है।
इस प्रोजेक्ट के सामने कई चुनौतियां हैं
इस प्रोजेक्ट के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें हाई पापुलेशन डेंसिटी, फ्लाइट ऑपरेशन के कारण रिस्ट्रिक्शन, कोस्टल रेगुलेशन जोन नॉर्म्स, रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टीज को एक बना देना और मीठी नदी से नजदीकी शामिल हैं। प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण करना भी कठिन हो गया है, क्योंकि कई सरकारी संगठनों ने भूमि उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया है।
धारावी में 350 वर्ग फीट का फ्री अपार्टमेंट मिलेगा
एलिजिबल रेजिडेंट्स, जो 1 जनवरी 2000 को या उससे पहले किराए के मकान में रहते थे और वर्तमान में ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं, उन्हें धारावी में 350 वर्ग फीट का एक फ्री अपार्टमेंट मिलेगा। वहीं 1 जनवरी 2000 और 1 जनवरी 2011 के बीच रहने वाले निवासियों को 2.5 लाख रुपए का भुगतान करने पर मुंबई में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर आवंटित किए जाएंगे।
अगर निवासी 1 जनवरी 2011 के बाद यहां आए हैं और ग्राउंड फ्लोर से ऊपर रहते हैं, तो उन्हें ‘अयोग्य’ माना जाएगा, लेकिन उन्हें ‘किराया खरीद’ के आधार पर बाद में खरीदने के विकल्प के साथ किराये का आवास उपलब्ध कराया जाएगा।
धारावी का स्लम 240 हेक्टेयर में फैला हुआ है, जहां करीब 10 लाख लोग रहते हैं।
अडाणी ग्रुप ने ₹5,069 करोड़ की बोली लगाई थी
29 नवंबर 2022 को अडाणी ग्रुप की कंपनी ‘अडाणी प्रॉपर्टीज’ ने स्लम को रीडेवलप करने के प्रोजेक्ट की बोली जीती थी। कंपनी ने इसके लिए 5,069 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। अडाणी ग्रुप के अलावा बोली लगाने वालों में दूसरे नंबर पर DLF ग्रुप रहा था, जिसने 2,025 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी।
प्रोजेक्ट को पहली बार 1999 में प्रस्तावित किया
1999 में भाजपा-शिवसेना सरकार ने पहली बार धारावी के रीडेवलपमेंट का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद 2003-04 में महाराष्ट्र सरकार ने धारावी को एक इंटीग्रेटेड प्लान्ड टाउनशिप के रूप में रीडेवलप करने का निर्णय लिया और इसके लिए एक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई और टेंडर निकाले गए।
2011 में सरकार ने सभी टेंडर को कैसिंल कर दिया और एक मास्टर प्लान तैयार किया था। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने अक्टूबर 2022 में नए टेंडर जारी किए। इससे पहले इस प्रोजेक्ट के लिए लगी बोली को उद्धव ठाकरे सरकार ने साल 2019 में कैंसिल कर दिया था।
फिल्मों से बढ़ी धारावी की लोकप्रियता, टूरिस्ट भी आते हैं
साल 2008 में ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ फिल्म के रिलीज होने के बाद इस क्षेत्र को लोकप्रियता मिली। फिल्म ने कई अवॉर्ड भी जीते। इसके बाद फिल्म गली बॉय में ये देखने को मिली थी। कई टूरिस्ट यहां भारत की बस्ती में रहने वालों के जीवन की झलक देखने आते हैं।
1882 में अंग्रेजों ने लोगों को बसाया था
इस इलाके को 1882 में अंग्रेजों ने बसाया था। मजदूरों को किफायती ठिकाना देने के मकसद से इसे बसाया गया था। धीरे-धीरे यहां लोग बढ़ने लगे और झुग्गी-बस्तियां बन गईं। यहां की जमीन सरकारी है, लेकिन लोगों ने झुग्गी-बस्ती बना ली है।