शाम में बढ़ने वाली थकान के चलते अनियमित खानपान और वर्कआउट की कमी वज़न बढ़ने का कारण बनने लगते है। इससे फिटनेस गोल्स पूरा करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जानते हैं कैसे वेटलॉस जर्नी को आसान बनाया जा सकता है।
अधिकतर लोगों का मानना है कि सिर्फ सुबह उठकर वर्कआउट करने से ही फिटनेस गोल्स (tips to achieve fitness goals) को पूरा किया जा सकता है। इसके चलते वो शाम के लेज़ी रूटीन्स पर ज्यादा फोकस नहीं करते हैं। दरअसल, ऑफिस से शाम को थक हारकर घर पहुंचने के बार एक मग कॉफी या चाय के साथ सैंडविच और कुछ अनहेल्दी स्नैक्स (side effects of unhealthy snacks) खाकर अक्सर लोग संतुष्ट हो जाते है। उसके बाद आराम करना और फिर खाना खाकर सो जाना। फिर अगली सुबह उठकर अपना रूटीन शुरू करते है। मगर ऐसी दिनचर्या के चलते शाम में कैलोरी इनटेक एकदम बढ़ने लगता है, जिससे वेटलॉस में बाधा उत्पन्न हो जाती है। जानते हैं हेल्दी रूटीन में किन चीजों को शामिल करके वेटलॉस जर्नी (evening habits to lose weight )को आसान बनाया जा सकता है।
वेटलॉस जर्नी को कैसे बनाएं आसान
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार ब्रिस्क वॉक, डांसिंग, स्वीमिंग और वास्केट बॉल खेलने से हार्ट रेट इंप्रूव होता है। साथ ही ब्रीदिंग रेट बढ़ता है और वेटलॉस में मदद (tips for weight loss) मिलती है। जर्नल ऑफ डायबिटीज़ केयर के अनुसार शाम के दौरान एक्सरसाइज़ करने से शरीर में हृदय रोगों का जोखिम और प्रीमेच्योर डेथ का खतरा कम होने लगता है। इससे शरीर एक्टिव रहता है और तनाव से भी राहत मिल जाती है।
डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि शरीर के वज़न को कम करने के लिए शाम की डाइट का ख्याल रखें। हैवी मील्स को सैलेड, स्मूदी और सॉफ्ट डाइट से रिप्लेस कर लें। इससे एंप्टी कैलोरीज़ से बचा जा सकता है। मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे फैटलॉस में मदद मिलती है। इसके अलावा अर्ली इवनिंग में एक्सरसाइज़ करें और कुछ वक्त खुली हवा में बिताएं। इससे शरीर में हार्मोन संतुलन उचित बना रहता है।
जानें इवनिंग वेटलॉस रिजीम में किन बातों का रखें ख्याल
1. फिजिकल एक्टिविटी न करें मिस
शाम के समय हाई इंटैसिटी और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ (stretching exercise benefits) की मदद से न केवल कैलोरीज़ को बर्न किया जा सकता है बल्कि नींद की गुणवत्ता बढ़ जाती है। ऑफिस से लौटकर शरीर में बढ़ने वाली मसल्स स्फिनेस को कम करने के लिए शारीरिक अंगों को स्ट्रेच करें। अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार एक्सरसाइज़ करें। एक्सरसाइज़ की मदद से शरीर में बढ़ने वाले तनाव को रिलीज़ करने में मदद मिलती है।
2. मीठा खाने से बचें
शुगर क्रेविंग को शांत करने के लिए इवनिंग स्वीट्स और डेजर्टस को खाने से बचें। इससे शरीर में एंप्टी कैलोरीज़ बढ़ जाती हैं, जिससे वेटगेन का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा मीठा खाने से ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ने लगता है। कुछ मीठा खाने के लिए मिठाइयों को फलों से रिप्लेस करें। वेटगेन से बचने के लिए शुगरी पेय पदार्थों और अनहेभ्दी मील्स से दूर रहें।
3. शरीर को हाइड्रेट रखें
शरीर में पानी की भरपूर मात्रा को बनाए रखने से ऑक्सीजन का फ्लो उचित बना रहता है और एनर्जी के लेवल में सुधार आता है। बॉडी फंक्शनिंग को बेहतर बनाने और शरीर के टैम्प्रेचर को रेगुलेट करने के लिए वॉटर इनटेक बढाएं। इससे बार बार भूख लगने की समस्या हल हे जाती है, जिससे अतिरिक्त कैलोरी के इनटेक से बचा जा सकता है।
4. हेल्दी मील्स लें
आहार में प्रोसेस्ड फूड की जगह हेल्दी स्नैकिंग को शामिल करें। लेट नाइट मील्स की जगह शाम में ग्रीन सैलेड, स्मूदी और नट्स लें। छोटी मील्स लेने से शरीर हेल्दी बना रहता है। इससे शरीर में कैलोरी की मात्रा नियंत्रित बनी रहती है। साथ ही मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। अधिक मात्रा में फाइबर और कार्ब्स लेने से बचें।
5. सही समय पर सोएं
नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए स्लीप पैटर्न बनाएं, जिससे शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते हैं और कार्टिसोल का स्तर नियंत्रित बना रहता है। देर रात तक जागने से वेटगेन का सामना करना पड़ता है। जल्दी सोने से लेट नाइट स्नैकिंग से बचा जा सकता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इससे डिप्रेशन और स्लीप डिसऑर्डर से बचा जा सकता है।
6. रात में कैफीन और अल्कोहल से बनाएं दूरी
सोने से पहले कैफीन इनटेक और अल्कोहल से नींद न आने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे पाचनतंत्र संबधी समस्याओं को सामना करना पड़ता है। साथ ही शरीर में अतिरिक्त कैलोरीज़ एकत्रित होने लगती है। ऐसे में अल्कोहल के अलावा, एनर्जी ड्रिंक, चाय, कॉफी और चॉकलेट से दूरी बनाकर रखें। अल्कोहल के सेवन से शरीर में टेस्टोस्टेरोन को स्तर कम होने लगता है, जिससे बॉडी को टोन अप करने और फैटलॉस में बाधा का सामना करना पड़ता है।