कनाड़ा के मॉन्ट्रियल में रहने वाले एक शख्स ने Instagram, YouTube, Reddit, TikTok आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ मुकदमा किया है। शख्स का आरोप है कि ये उसकी दिमागी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। शख्स का कहना है कि उसने 2015 से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना शुरू किया था। जिसके बाद उसके काम करने की क्षमता में गिरावट आई है और उसकी शारीरिक सेहत भी बिगड़ी है। रिपोर्ट के अनुसार, शख्स दिन में 4 घंटे सोशल मीडिया ऐप्स का इस्तेमाल करता था।
लेकिन बाद में उसने इसके बुरे प्रभावों को देखते हुए इस पर बिताया जाने वाला समय कम कर दिया। शख्स ने यह समय घटाकर 2 घंटे कर दिया। लेकिन इसके बाद भी उसकी दिमागी सेहत पर सोशल मीडिया का बुरा असर पड़ रहा था। उसकी नींद की क्वालिटी खराब हो रही थी। शख्स ने Lambert Avocats नामक लॉ फर्म के माध्यम से यह केस दर्ज किया।
लॉ फर्म के Philippe Brault के मुताबिक, यह समस्या केवल कुछ लोगों की नहीं है, बल्कि यह समस्या आजकल सभी लोगों के साथ हो रही है। फर्म का कहना है कि उसने यह केस इसीलिए लिया क्योंकि यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है और पुराने समय से ही चली आ रही है। फिलिप के मुताबिक कनाड़ा में 7 से 11 साल की उम्र के बीच के 52 प्रतिशत बच्चे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मालिकों को चाहिए कि वह उनके यूजर्स की हेल्थ और सेफ्टी को प्राथमिकता दें।
केस का मकसद कंपनियों द्वारा लापरवाही से डिजाइन किए गए इन प्लेटफॉर्म्स की वजह से लोगों को होने वाले नुकसान की भरपाई करवाना है। लॉ फर्म मानती है कि मनोवैज्ञानिक कमजोरी का ये प्लेटफॉर्म फायदा उठाते हैं। इन पर इस तरह का कंटेंट या प्रोग्राम दिखाया जाता है जिसमें व्यक्ति लंबे समय तक उलझा रहता है और यह उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करता है।
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