पर्सीड उल्का बारिश 11 अगस्त से लेकर 13 अगस्त तक अपने चरम पर होगी। इस दौरान लोगों को उल्काओं की बारिश जैसा नजारा भी देखने को मिल सकता है। Sky and Telescope के अनुसार, दुनिया में कई जगहों पर यह नजारा नंगी आंखों से भी देखा जा सकेगा। खासकर पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में यह नजारा नंगी आंखों से देखा जा सकेगा। हालांकि, भारत और उसके आसपास अभी मानसून का सीजन है, ऐसे में रात के समय छाने वाले बादल इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखने में बाधा बन सकते हैं।
उल्का बारिश आसमान से उल्काओं के बहुत ज्यादा संख्या में गिरने को कहा जाता है। यह साल के एक खास समय में होता है। पर्सीड उल्काओं की जहां तक बात है, ये Swift-Tuttle धूमकेतु के अवशेष कहे जाते हैं। ये सूरज के चारों तरफ घूमते हैं और एक चक्कर 133 साल में पूरा करते हैं। धरती जब सूर्य का चक्कर लगाती हुई इनके रास्ते से गुजरती है तो धूमकेतु के अवशेषों को अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण खींच लेती है।
ये धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने लगते हैं और आसमान में उल्का की बारिश जैसा नजारा पैदा हो जाता है। अगस्त में पर्सीड उल्का बारिश का चरम बिंदु माना जाता है। कल यानी सोमवार की मध्यरात्रि से यह घटना तेज हो जाएगी। अनुमान है कि प्रति घंटे आसमान में 100 उल्का गिरते हुए देखे जा सकते हैं। उल्काओं की यह बारिश 14 अगस्त तक इसी तरह जारी रह सकती है।
खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए 14 अगस्त को ही एक और खास घटना होने जा रही है। इस दिन मंगल और बृहस्पति ग्रह एक दूसरे के काफी करीब नजर आएंगे। अगर आप भी यह नजारा देखना चाहते हैं साफ मौसम में टेलीस्कोप आदि की मदद से यह नजारा देखा जा सकता है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।