नई दिल्ली46 मिनट पहले
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अब टैक्सपेयर्स को संपत्ति बेचने से हुए फायदे पर टैक्स चुकाने के लिए 2 ऑप्शन मिलेंगे। अगर आप इंडेक्सेशन का फायदा नहीं लेते हैं तो 12.5% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स देना होगा। वहीं अगर इंडेक्सेशन का फायदा लेते हैं तो 20% टैक्स देना होगा।
हालांकि, इंडेक्सेशन का ऑप्शन उन्हीं लोगों को मिलेगा जिन्होंने प्रॉपर्टी 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी है। बजट 2024 में सरकार ने रियल एस्टेट से इंडेक्सेशन बेनेफिट हटा दिया था। मंगलवार को फाइनेंस बिल 2024 में संशोधन पेश कर इसे वापस लगाया गया है।
न्यू टैक्स रिजीम में देना होगा 12.5% टैक्स
सरकार ने LTCG इंडेक्सेशन के तहत टैक्सपेयर्स को दो विकल्प देने के लिए संशोधन को पेश कर दिया है। नई टैक्स रिजीम में 12.5% बिना इंडेक्सेशन के लागू रहेगा। जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम में 20% इंडेक्सेशन के साथ का ऑप्शन रहेगा।
क्या है इंडेक्सेशन बेनेफिट
इंडेक्सेशन की मदद से प्रॉपर्टी के खरीद के भाव पर महंगाई का असर दिखाया जाता है, जिससे कैलकुलेशन में खरीद भाव भी बढ़ते हैं और निवेशक की मुनाफे का आंकड़ा घट जाता है और टैक्स की देनदारी भी कम हो जाती है।
कैपिटल गेंस पर लगता है 20% इनकम टैक्स
इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से अगर प्रॉपर्टी खरीदने के तीन साल के अंदर बेच दी जाए तो इससे होने वाले मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाता है। वहीं अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने के बाद 3 साल रखते हैं और फिर उसे बेचते हैं तो इससे होने वाला मुनाफा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाता है।
इस तरह की आमदनी पर आपको इंडेक्सेशन का फायदा लेने के बाद 20% के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है। घर या प्लॉट बेचने से हुए फायदे की रकम को आपकी कुल आमदनी में जोड़ा जाएगा और उसके बाद आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से इस पर टैक्स वसूला जाता है।