हरियाली अमावस्या सनातन धर्म में प्रकृति के संरक्षण और संबर्द्धन का प्रतीक भी है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पौधा रोपण करने से पितृ प्रसन्न होता है। इस वर्ष हरियाली अमावस्या रवि पुष्प योग के साथ तीन शुभ योग में मनाई जाएगी।
By Jogendra Sen
Publish Date: Sat, 27 Jul 2024 08:17:39 AM (IST)
Updated Date: Sat, 27 Jul 2024 06:12:38 PM (IST)
HighLights
- अमावस्या को पौधा रोपने व संरक्षण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं
- हरियाली अमावस्या सनातन धर्म में प्रकृति के संरक्षण और संबर्द्धन का प्रतीक
- हरियाली अमावस्या का दिन पितरों के तर्पण के लिए भी विशेष होता है
नईदुनिया प्रतिनिधि,ग्वालियर। श्रावण मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस बार हरियाली अमावस्या चार अगस्त रविवार को मनाई जाएगी। हरियाली अमावस्या सनातन धर्म में प्रकृति के संरक्षण और संबर्द्धन का प्रतीक भी है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पौधा रोपण करने से पितृ प्रसन्न होता है। इस वर्ष हरियाली अमावस्या रवि पुष्प योग के साथ तीन शुभ योग में मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस दिन किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, हालांकि यह तिथि दान-पुण्य और पूजा-पाठ के लिए अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा यह दिन पितरों के तर्पण के लिए भी विशेष होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार चार शुभ संयोग बन रहे हैं। हरियाली अमावस्या के दिन रवि पुष्य योग, सिद्धि योग, सर्वार्थसिद्धि योग, पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग एक साथ बन रहा है।
हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त
सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन होगी, जो अमावस्या तीन अगस्त शनिवार को पड़ रही है, वहीं इस अमावस्या के शुभ मुहूर्त की बात करें तो इस तिथि का आरंभ दोपहर तीन बजकर 50 मिनिट से होगा। वहीं अमावस्या तिथि का समापन चार अगस्त रविवार के दिन शाम चार बजकर 42 मिनट पर होगा, उदया तिथि के अनुसार इस बार हरियाली अमावस्या चार अगस्त दिन रविवार को होगी।
स्नान दान का बहुत अधिक महत्व
हरियाली अमावस्या के दिन स्नान दान का बहुत अधिक महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन स्नान दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और पितर खुश होते हैं इसीलिए इस दिन दान देना बेहद शुभ माना जाता है।
पौधे लगना शुभ माना जाता है
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन पौधे लगाना भी बेहद शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन में खुशियां आती है और देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं। हरियाली अमावस्या पर आप केला, तुलसी, पीपल, बरगद, नीम जैसे पौधों को लगा सकते हैं।
- पेड़ जो कि जीवन का आधार तथा हमारी प्राण शक्ति श्वांस को शुद्ध कर हमारे जीवन का संरक्षण करते चले आ रहे हैं, उन्हें संरक्षित करने तथा धरती मां के आंगन में हरियाली बिखेरने के उद्देष्य से प्रति वर्ष हरियाली अमावस को परंपरागत रूप से मनाया जाता है।
सावन मास के उल्लास की शुरुआत
ग्वालियर-चंबल अंचल में हरियाली अमावस्या से सावन मास के उल्लास की शुरुआत होती हैं। बहन-बेटियों का रक्षाबंधन मनाने के लिए अपने मायके आने का सिलसिला शुरु हो जाता है। लगभग चार दशक पहले गांवों में नीम व अन्य वृक्षों पर झूले नजर आने लगते हैं। सावन के गीत गाते हुए मेघों को बरसने के लिए महिलाएं न्योता देती थीं।