स्क्वैलस हिमा डॉगफिश शार्क की नई प्रजाति
स्रोत: द हिंदू
ज़ूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) के वैज्ञानिकों द्वारा अरब सागर तट, केरल में शक्तिकुलंगरा फिशिंग हार्बर के गहरे जल में स्क्वैलस हिमा डॉगफिश शार्क, की एक नई प्रजाति की खोज की है।
- स्क्वैलस, स्क्वैलिडे परिवार में डॉगफिश शार्क की एक प्रजाति है। आमतौर पर स्परडॉग के रूप में जाना जाता है और साथ ही इसकी विशेषता चिकने पृष्ठीय पंखों वाली रीढ़ होती है।
- भारतीय तट पर, स्क्वैलस की दो प्रजातियाँ भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर पाई जाती हैं और साथ ही इसकी नई प्रजाति, स्क्वैलस हिमा n.sp. यह स्क्वैलस लालैनी के समान है, लेकिन यह इससे कई विशेषताओं में भिन्न भी है।
- स्क्वैलस मेगालोप्स की कुछ प्रजातियों से छोटी, नुकीली नाक, नाक के बराबर चौड़ा छोटा मुख, एक सुडौल शरीर तथा उनके अग्र पृष्ठीय पंख का उद्गम उनके पेक्टोरल पंखों के पीछे होता है।
- स्क्वैलस तथा सेंट्रोफोरस प्रजाति के यकृत तेल का उपयोग फार्मास्यूटिकल व्यवसायों में उच्च-स्तरीय कॉस्मेटिक एवं कैंसर-रोधी दवाइयों के निर्माण में किया जाता है, क्योंकि इसमें स्क्वैलीन की उच्च मात्रा होती है।
- देश के विविध जीव-जंतुओं का अध्ययन करने हेतु वर्ष 1916 में ZSI की स्थापना की गई थी। कोलकाता में स्थित अपने मुख्य कार्यालय और 16 क्षेत्रीय स्थानों के साथ, यह एक राष्ट्रीय संस्थान के रूप में विकसित हो चुका है।
- इसने अपने कार्यों का विस्तार करते हुए इसमें पर्यावरण प्रभाव आकलन, संरक्षण क्षेत्र सर्वेक्षण, DNA आणविक अध्ययन और वन्यजीव फोरेंसिक अध्ययन शामिल किये हैं। इसमें भारत और पड़ोसी देशों की 103,920 प्रजातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले 5.5 मिलियन से अधिक नमूने हैं।
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