कुछ साल पहले अनंत अंबानी ने वह कर दिखाया था, जो किसी के लिए भी एक सपना या जटिल चुनौती हो सकती है। 18 महीने में 108 किलो वजन कम करने अनंत अंबानी कइयों के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं। पर हाल की तस्वीरों में उनका वजन फिर से बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है।
सोशल मीडिया पर इस समय अनंत अंबानी की शादी की धूम है। शादी में मेहमानों की शानदार सूची, शानदार सजावट और विश्व प्रसिद्ध कलाकारों की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। अनंत अंबानी के वजन घटाने का सफर भी काफी दिलचस्प रहा है। कई लोग हैरान हैं कि इस बिजनेस टाइकून ने एक साल में 100 किलो से ज़्यादा वजन कैसे घटाया था। 2017 में अनंत की मां नीता अंबानी ने अस्थमा से उनकी लड़ाई के बारे में बात की थी और बताया था कि कैसे उनकी बीमारी की गंभीरता के कारण उन्हें स्टेरॉयड दिए गए थे। इसी के परिणामस्वरूप एक बार फिर उनका वजन बहुत ज़्यादा बढ़ गया।
क्या था अनंत अंबानी का फिटनेस रुटीन
2016 में, अनंत ने 18 महीनों में 108 किलो वजन कम करके उन सभी को चौंका दिया, जो उनकी इस जर्नी में उनके साथ थे। यह परिवर्तन किताबों में दर्ज है क्योंकि उद्योगपति ने कथित तौर पर अपना वजन कम करने के लिए सब कुछ किया।
समाचार रिपोर्टों से पता चलता है कि उन्होंने अपने दिन के पांच से छह घंटे अपने फिटनेस रूटीन के लिए दिए, जिसमें हर दिन 21 किलोमीटर की पैदल यात्रा, योग, वेट ट्रेनिंग और हाई इंटेनसिटी वाले कार्डियो व्यायाम के अलावा डाइट में बदलाव भी शामिल था। उन्हें एक पर्सनल, कम कार्ब, बिना चीनी, उच्च प्रोटीन संतुलित और पौष्टिक आहार भी दिया गया था, जिसमें पोर्शन कंट्रोल और मन लगाकर खाने पर जोर दिया गया था।
अनंत अंबानी हैं अस्थमा से पीड़ित
अस्थमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके फेफड़ों का वायुमार्ग प्रभावित होता हैं। यह गंभीर बीमारी आपके वायुमार्ग को सूजन के साथ-साथ संकीर्ण भी बनाती है। इसलिए, आपके वायुमार्ग से हवा का बाहर निकलना बहुत मुश्किल होता है। हालांकि अस्थमा का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके उपचार के साथ-साथ दवाएं भी हैं, जो लक्षणों को मैनेज करने में पीड़ित की मदद कर सकती हैं। ऐसा ही एक उपचार स्टेरॉयड है। 2017 में, नीता अंबानी ने बताया कि कैसे इस स्टेरॉयड-दवा ने मोटापे को जन्म दिया।
जर्नल ऑफ क्लिनिकल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में अस्थमा के रोगियों में मोटापे और वजन बढ़ने की व्यापकता देखी गई है। इसमें कहा गया है कि अस्थमा के रोगियों में अधिक वजन और मोटापे का प्रचलन दूसरों की तुलना में 31.1% और 46.0% अधिक है।
कब दिए जाते हैं अस्थमा के लिए स्टेरॉयड
अस्थमा का इलाज अक्सर वायुमार्ग की सूजन को कम करने के लिए स्टेरॉयड से किया जाता है। इस तरह अस्थमा से जुड़े लक्षणों को रोकने या मैनेज करने में मदद मिलती है। पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. श्रीवत्स लोकेश्वरन बताते हैं कि “अस्थमा के किसी भी घातक रूप के लिए, कुछ दिनों के लिए स्टेरॉयड का एक शॉट देना होता है।
इनका उपयोग उन लोगों में भी किया जाता है जिनकी अस्थमा की स्थिति मध्यम या गंभीर होती है, खासकर जब अन्य दवाएं उनके लक्षणों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित नहीं कर पाती हैं, या बीमारी के तीव्र होने की स्थिति में जहां ब्रोन्कियल मार्गों की सूजन को तेजी से कम करने की आवश्यकता होती है।”
क्यों वजन बढ़ाते हैं स्टेरॉयड
स्टेरॉयड के कारण वजन बढ़ने के कई कारण हैं। इनके सेवन से भूख बढ़ जाती है, पानी जमा हो जाता है, साथ ही शरीर में वसा का वितरण भी बदल जाता है। डॉ. लोकेश्वरन कहते हैं, “ये दवाएं इस बात को प्रभावित कर सकती हैं कि कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज कैसे संग्रहीत और जारी किया जाता है, वसा कैसे मटैबलाइज़ होता है, और प्रोटीन कैसे बनता है। इससे स्किन के नीचे वसा ऊतक में वृद्धि होती है।”
द जर्नल ऑफ़ अस्थमा में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, अस्थमा के उपचार के लिए उपयोग किए जाने वाले इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स की शक्ति, रोगी के बीएमआई को प्रभावित कर सकती है। खुराक जितनी अधिक होगी, बीएमआई में उतनी ही अधिक वृद्धि होगी।
अस्थमा रोगियों के लिए फिटनेस
अनंत अंबानी का वजन घटाने का सफर प्रेरणादायक रहा। हालांकि 100 किलो वजन घटाना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन यह भी ध्यान रखना ज़रूरी है कि यह वजन एक साल में घटा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह दिन में पांच से छह घंटे वर्कआउट करते थे, जिसमें कार्डियो, योग, वेट ट्रेनिंग के साथ-साथ लंबी सैर भी शामिल थी। एक व्यक्तिगत आहार का पालन करने के अलावा, उन्होंने कई जीवनशैली में भी बदलाव किए जैसे कि पर्याप्त नींद लेना और अपने तनाव के स्तर को नियंत्रित करना।
डॉ लोकेश्वरन बताते हैं अगर आप अस्थमा से पीड़ित हैं, तो यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि अस्थमा के लिए स्टेरॉयड के थोड़े समय के इस्तेमाल से वज़न बढ़ने पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ता है।
वे बताते है कि “स्टेरॉयड लेने के बाद वज़न कम करने के लिए, विटामिन और मिनरल से भरपूर फल, सब्ज़ियां, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज से बने संतुलित आहार पर ध्यान देना ज़रूरी है।” शारीरिक व्यायाम बहुत ज़रूरी है, जिसमें एरोबिक व्यायाम और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शामिल हो सकती हैं।
अनंत अंबानी की वेट लॉस डाइट
अपनी फिटनेस के स्तर पर काम करने के अलावा, अनंत का डाइट प्लान काफी संतुलित था। उन्होंने बिना चीनी, हाई प्रोटीन और कम कार्ब वाले विकल्पों का सेवन करने पर ध्यान केंद्रित किया। प्रतिदिन 1200-1400 कैलोरी से अधिक नहीं खाया। अंकुरित अनाज, दालें, ताजी हरी सब्जियां और डेयरी उत्पाद उनके आहार में शामिल थे। उनके स्वच्छ आहार और प्राकृतिक वजन घटाने की व्यवस्था ने उन्हें एक स्वस्थ और संतुलित जीवन शैली बनाए रखने में मदद की।
स्टेरॉयड से वजन बढ़ने से कैसे बचें
पहला कदम यह है कि आप अपने डॉक्टर से बात करें कि आप किस तरह के स्टेरॉयड का सेवन कर रहे हैं, आपको क्या बीमारी है और आप किस तरह की दवा ले रहे हैं। डॉक्टर आपको अलग खुराक भी दे सकते हैं।
डॉ. लोकेश्वरन कहते हैं, “अस्थमा में स्टेरॉयड के इस्तेमाल से न डरें। इसके बजाय अपने चिकित्सक से स्टेरॉयड के विकल्पों के बारे में चर्चा करें। ऐसे कई नए मोलीक्युल्स हैं जो स्टेरॉयड के लगातार इस्तेमाल की ज़रूरत को कम करते हैं।”
वजन बढ़ने से रोकने के लिए भी वही कदम उठाने होंगे जो हम वजन कम करने के लिए आदर्श रूप से उठाते हैं। कम कैलोरी वाले फल और सब्जियां, और फाइबर युक्त आहार मदद कर सकते हैं। अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में भी कहा गया है कि 25-30 ग्राम प्रोटीन वजन और भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, पर्याप्त पानी पीना, सक्रिय रहना और पर्याप्त नींद लेना भी मदद कर सकता है।
कुछ और भी हो सकते हैं स्टेरॉयड के साइड इफेक्ट
एलर्जी, अस्थमा और क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, स्टेरॉयड के उपयोग का सबसे आम दुष्प्रभाव वजन बढ़ना है। हालांकि, वजन बढ़ने के अलावा, अस्थमा के इलाज के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का उपयोग करने से कई अतिरिक्त दुष्प्रभाव होते हैं जिनमें हाइपरग्लाइसेमिया, उच्च रक्तचाप, इम्यून सिस्टम कमजोर या त्वचा के कार्यों के कारण बार-बार संक्रमण, मूड स्विंग, ऑस्टियोपोरोसिस और मोतियाबिंद/ग्लूकोमा शामिल हैं।
अमेरिकन लंग एसोसिएशन भी अस्थमा के साथ वजन के बुरे संबंध के बारे में बात करता है। वह बताता है कि उच्च बीएमआई (30 से अधिक) अस्थमा होने के जोखिम को बढ़ा सकता है। साथ ही, यह बताता है कि उच्च बीएमआई वाले लोग अस्थमा की दवाओं पर उसी तरह प्रतिक्रिया नहीं करते हैं जैसे कम बीएमआई वाले लोग प्रतिक्रिया करते हैं। अस्थमा में अवसाद और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया जैसी अन्य जटिलताएं भी उच्च बीएमआई से संबंधित हैं।
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