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light period ke kaaran,- लाइट पीरियड के कारण

bareillyonline.com by bareillyonline.com
11 July 2024
in न्यूज़
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कई बार महिलाएं स्पॉटिंग और कम ब्लीडिंग की शिकायत करती हैं। इसके चलते 2 से 3 दिन में पीरियड साइकल समाप्त हो जाती है। मगर कम ब्लीडिंग की समस्या कई समस्याओं की ओर इशारा करती है। जानते हैं लाइट पीरियड के कारण

अधिकतर महिलाओं को पीरियड साइकल के दौरान हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है। मगर कई बार महिलाएं स्पॉटिंग और कम ब्लीडिंग की शिकायत करती हैं। इसके चलते 2 से 3 दिन में पीरियड साइकल (period cycle) समाप्त हो जाता है। हांलाकि कई कारणों से ब्लड फ्लो में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। मगर कम ब्लीडिंग (Light bleeding causes) की समस्या कई समस्याओं की ओर इशारा करती है। जानते हैं लाइट पीरियड (light period) के कुछ कारण।

इस बारे में क्लाउड नाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल की ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की कंसल्टेंट डॉ पूजा सी ठुकराल ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कई कारणों से पीरियड साइकल (period cycle) के दौरान ब्लीडिंग कम और ज्यादा होने लगती है। प्रेगनेंसी, ब्रेस्ट फीडिंग और वज़न का बढ़ना व घटना पीरियड में ब्लीडिंग को प्रभावित करता है। इससे पीरियड के दौरान ब्लड का फ्लो कम होने लगता है। इसके अलावा शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी लाइट पीरियड का कारण साबित होती है। एक्सपर्ट के अनुसार 2 से 3 महीने तक अगर अनियमित ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है, तो डॉक्टर से जांच अवश्य करवाएं।

महिलाओं को अक्सर 21 से 35 दिनों के मध्य पीरियड साइकल (period cycle) रहती है। ब्लड फ्लो 2 से 7 दिनों तक रहता है, जो शरीर में होने वाले परिवर्तनों के कारण बदलता रहता है। अक्सर गर्भवती महिलाओं को ब्लीडिंग का सामना नहीं करना पड़ता। पीरियड्स के दौरान महिलाओं का 20 से 90 एमएल ब्लड ब्लीडिंग में चला जाता है।

pregnancy ke karan period 1-2 din me khatam ho sakte hain.
कभी-कभार कुछ अन्य कारणों से भी पीरियड 1-2 दिन में खत्म हो सकते हैं। इनमें लाइफस्टाइल, बर्थ कंट्रोल या कोई अन्य मेडिकल कंडीशन भी शामिल हो सकती है। चित्र : एडोबी स्टॉक

कब कहा जाएगा कि आपको लाइट पीरियड हो रहे हैं (Light period symptoms)

  • दो से कम समय के लिए पीरियड ब्लीडिंग होना
  • पीरियड के दौरान स्पॉटिंग का सामना करना
  • अनियमित पीरियड का सामना करना
  • बार- बार लाइट पीरियड का सामना करना

किन कारणों से लाइट पीरियड का सामना करना पड़ता है

1. वज़न का बढ़ना और घटना

शरीर का वज़न और बॉडी फैट (body fat) ब्लीडिंग के प्रवाह को प्रभावित करता है। वे लोग जो अंडरवेट है, उनके हार्मोन पूर्ण रूप से कार्य नहीं करते हैं, जिससे अनियमित पीरियड (irregular period)का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में वेट गेन (weight gain) करना या वेट लूज़ करना भी पीरियड के ब्लड फ्लो के कम होने का कारण साबित होता है।

Weight gain ki samsya
शरीर का वज़न और बॉडी फैट (body fat) ब्लीडिंग के प्रवाह को प्रभावित करता है।

2. प्रेगनेंसी की शुरूआत

अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑबस्टेट्रीशियन एंड गॉयनेकॉलाजिस्ट के अनुसार 25 फीसदी महिलाओं को अर्ली प्रेगनेंसी के दौरान स्पॉटिंग का सामना करना पड़ता है। इसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग भी कहा जाता है। इसमें फर्टिलाइज्ड एग्स वॉल के साथ अटैच होते हैं। उस वक्त महिलाओं को लाइट पिंकिंश रेड ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है।

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3. तनाव की समस्या

मानसिक या शारीरिक तनाव पीरियड साइकल (period cycle) का फ्लो और उसकी लंबाई दोनों पर असर डालता है। शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस से मासिक चक्र के दौरान अनियमितता का सामना करना पड़ता है। तनाव के कारणों को दूर करके इस समस्या को हल किया जा सकता है। दरअसल, तनाव की स्थिति में ब्रेन से रिलीज़ होने वाले केमिकल्स से पीरियड साइकल हार्मोन में परिवर्तन आने लगता है। स्ट्रेस हार्मोन हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या का बढ़ा देता है।

4. लैक्टेटिंग मदर्स

लेक्टेशन पीरियड के दौरान शरीर में प्रोलेक्टिन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है। पिट्यूटरी ग्लैंड से रिलीज़ होने वाले इस हार्मोन से ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन बढ़ता है। प्रोलेक्टिन रिलीज़ होने के कारण पीरियड के दौरान ब्लड का फ्लो कम हो जाता है। इसके अलावा ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान कुछ दवाओं का सेवन करने से भी लाइट पीरियड की समस्या का सामना करना पड़ता है।

Breast feeding
लेक्टेशन पीरियड के दौरान शरीर में प्रोलेक्टिन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

5. बर्थ कंट्रोल पिल्स

हार्मोनल बर्थ कंट्रोल लाइट पीरियड की समस्या कारण बनने लगता है। बर्थ कंट्रोल मैथड से एग को रिलीज़ होने से रोका जाता है। इसके चलते बॉडी एग रिलीज़ नहीं करती से है, जिससे यूटर्स थिन लाइनिंग नहीं बना पाता है। ऐसे में पीरियड न आना या लाइट पीरियड का सामना करना पड़ता है।

ये भी पढ़ें- क्या हल्के पीरियड का अर्थ प्रजनन क्षमता का कमजोर होते जाना है? जानिए इस बारे में क्या कहती हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ

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