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- Budget 2024; PM Modi Nirmala Sitharaman Economists Meeting Update | NITI Aayog
नई दिल्ली1 घंटे पहले
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केंद्रीय बजट 2024 से पहले अर्थशास्त्रियों के साथ मीटिंग करते हुए प्रधानमंत्री मोदी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय बजट 2024 से पहले गुरुवार को अर्थशास्त्रियों के साथ एक मीटिंग की। इस मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ नीति आयोग के वाइस प्रेसिडेंट सुमन बेरी, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन, अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला, अशोक गुलाटी और अनुभवी बैंकर के वी कामथ सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडस्ट्री और सोशल सेक्टर्स के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ बजट को लेकर परामर्श लिया था। संसद का बजट सत्र 22 जुलाई को शुरू हो रहा है और 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश करेंगी। नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट होगा।
19 जून से 5 जुलाई तक चला था प्री-बजट परामर्श
हाल ही में वित्त मंत्रालय ने बताया था कि केंद्रीय बजट 2024-25 के लिए प्री-बजट परामर्श 19 जून से शुरू हुआ था जो 5 जुलाई तक चला। परामर्श के दौरान, सीतारमण ने सुझाव शेयर करने वालों को आश्वासन दिया कि बजट तैयार करते समय उनके सुझावों पर विचार किया जाएगा।
परामर्श के लिए 10 स्टेकहोल्डर ग्रुप्स में 120 से अधिक लोगों को बुलाया गया था। इनमें फार्मर एसोसिएशन्स और एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट के एक्सपर्ट और रिप्रजेनटेटिव के अलावा, ट्रेड यूनियन, एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर, एम्प्लॉयमेंट और स्किलिंग, MSME, ट्रेड और सर्विसेज, इंडस्ट्री, इकोनॉमिस्ट, फाइनेंशियल सेक्टर और कैपिटेल मार्केट, इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और अर्बन सेक्टर के एक्सपर्ट और रिप्रजेंटेटिव्स शामिल थे।
राष्ट्रपति ने कहा था- बजट सत्र में कई बड़े आर्थिक फैसले होंगे
पिछले महीने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद में कहा था कि आगामी बजट सत्र में कई ऐतिहासिक कदम और बड़े आर्थिक फैसले लिये जाएंगे। उन्होंने कहा था। यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्यवादी दृष्टिकोण का एक प्रभावी दस्तावेज होगा।
निर्मला सीतारमण लगातार सातवीं बार बजट पेश करेंगी
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार 6 जुलाई को घोषणा की थी कि बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त के बीच होगा और सीतारमण 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसकी मंजूरी दे दी है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 6 जुलाई को X पर बजट सत्र को लेकर जानकारी दी थी।
टैक्स में राहत और किसानों पर फोकस रह सकता है यह बजट
- यह बजट मिडिल क्लास को टैक्स में छूट देने, महिला सशक्तिकरण, किसानों की आय बढ़ाने और रोजगार पर फोकस रह सकता है।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 की जा सकती है।
- डिफेंस, रेलवे, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भी कई घोषणाएं हो सकती हैं।
- स्टार्टअप पर लगने वाले एंजल टैक्स को कम करने पर विचार कर सकती है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स सब-असेंबली और कंपोनेंट के लिए ₹40,000 करोड़ की PLI स्कीम की संभावना है।
- इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) 2.0 में संशोधन लाया जा सकता है।
- आंध्रप्रदेश को 1 लाख करोड़ का स्पेशल पैकज मिल सकता है।
1 फरवरी 2024 को पेश हुआ था अंतरिम बजट
इस साल अप्रैल, मई में लोकसभा चुनाव होने थे, लिहाजा सरकार ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था। निर्मला ने अपने बजट को गरीब, महिला, युवा और अन्नदाता यानी किसान पर फोकस किया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2024 को 58 मिनट की बजट स्पीच दी थी।
निर्मला नया रिकॉर्ड बनाएंगी, मोरारजी देसाई ने लगातार छह बार पेश किया था
निर्मला 23 जुलाई को बजट पेश करते ही लगातार सातवीं बार ऐसा करने वाली देश की पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी। इससे पहले मोरारजी देसाई ने लगातार छह बजट पेश किए थे। हालांकि मोरारजी ने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया।
उनके बाद पी. चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी ने 9 बार, यशवंत राव चव्हाण, सीडी देशमुख और यशवंत सिन्हा ने 7 बार बजट पेश किया। मनमोहन सिंह और टी. कृष्णमचारी 6 बार बजट पेश कर चुके हैं।
फुल और अंतरिम बजट होता क्या है? इनमें क्या अंतर है?
केंद्रीय बजट देश का सालाना फाइनेंशियल लेखा-जोखा होता है। यूं कहें कि बजट किसी खास वर्ष के लिए सरकार की कमाई और खर्च का अनुमानित विवरण होता है।
बजट के जरिए सरकार यह तय करने का प्रयास करती है कि आगामी वित्त वर्ष में वह अपनी कमाई की तुलना में किस हद तक खर्च कर सकती है। सरकार को हर वित्त वर्ष की शुरुआत में बजट पेश करना होता है। भारत में वित्त वर्ष का पीरियड 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है।
वहीं अंतरिम बजट सरकार को आम चुनावों का फैसला होने और नई सरकार बनने के बाद फुल बजट की घोषणा करने तक, देश को चलाने के लिए धन उपलब्ध कराता है। अंतरिम बजट शब्द आधिकारिक नहीं है। आधिकारिक तौर पर इसे वोट ऑन अकाउंट कहा जाता है।