गर्भावस्था में योगाभ्यास न केवल आपको रिलैक्स करता है, बल्कि पैरों की सूजन से भी राहत दिलाता है। योग विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रेगनेंसी में एक्टिव रहने से डिलीवरी आसान हो सकती है।
दीपिका पादुकोण प्रेगनेंट है और उनकी प्रेगनेंसी की खूब चर्चा हो रही है। हाल ही में उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सेल्फ केयर मंथ (Self care month) को लेकर एक पोस्ट डाली है। इस पोस्ट में वे विपरीत करणी योगा करती नजर आ रही हैं। इस पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने लिखा है कि “मुझे अच्छा वर्कआउट करना पसंद है। मैं ‘अच्छा दिखने’ के लिए नहीं, बल्कि ‘फिट फील करने’ के लिए वर्कआउट करती हूं। मेरी याद्दाश्त जितना ही पुराना है मेरे लाइफस्टाइल में वर्कआउट।”
वे आगे लिखती हैं “जब मैं कसरत नहीं कर पाती, तो मैं अपनी दिनचर्या में कम से कम 5 मिनट विपरीत करणी (leg up the wall pose) योगासन का अभ्यास करती हूं। मैं इसे हर दिन करती हूं, चाहे मैं कसरत करूं या नहीं। किसी लंबी फ्लाइट के बाद या तनाव कम करने के लिए भी यह योगासन खास है।
हाल ही में दीपिका अपनी फिल्म कल्कि के प्रमोशन में हाई हिल्स पहन कर पहुंंची थीं। जिसके बाद उन्हें बहुत ट्रोल किया गया था। प्रेगनेंसी में उनके हिल्स पहनने को गैरजिम्मेदाराना हरकत बताया गया था। साथ ही कुछ लोगों ने यह भी कही थी कि दीपिका का बेबी बंप नकली है, क्योंकि प्रेगनेंसी मेंं भी उनका वजन नहीं बढ़ा है। जिसके बाद दीपिका ने अब अपने सोशल मीडिया पर ये पोस्ट किया है।
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दीवार के सहारे लेग रेज कर रही हैं दीपिका (Deepika padukone yoga during pregnancy)
विपरीत करणी आसन में पैरों को ऊपर की तरफ किया जाता है यानी उल्टा। संस्कृत में, विपरीत का अर्थ है ‘उलटा’ और करणी का अर्थ है ‘क्रिया’। इस क्रिया में आपको दीवार के सहारे पैर ऊपर की ओर करके लेटना होता है।
दीवार के सहारे अपने पैरों को ऊपर करके लेटने से आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ होता है। नर्वस सिस्टम को शांत करने से लेकर इम्यूनिटी को मजबूत करने तक, यह प्राचीन आसन बहुत फायदेमंद है। खासकर हमारी तनावपूर्ण और व्यस्त जीवन में।
दीपिका बताती हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान इसे करने के लिए आपको सपोर्ट के लिए बोल्स्टर या कुशन का उपयोग करना चाहिए।
प्रेगनेंसी में विपरीत करणी करने के फायदे (Benefit of Viparita Karani during pregnancy)
- मांसपेशियों, जोड़ों और टखनों और पैरों की सूजन से राहत दिलाता है।
- पीठ के निचले हिस्से पर दबाव कम करता है और पैरों और कूल्हों में भारीपन और थकान से राहत देता है।
- वॉटर रिटेंशन को कम करता है।
- टखनों और पैरों में सूजन और बेचैनी को कम करने में मदद करता है।
प्रेगनेंसी में योगा करते समय किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए (how to do yoga during pregnancy)
1 लंबे समय तक पोज न रखें
अपने शरीर को मूव करते रहना बहुत जरूरी है। यदि आप काफी देर तक एक ही मुद्रा या पोज में रहेंगी तो इससे आपके शरीर में ब्लड फ्लो बाधित हो सकता है। हृदय में ब्लड फ्लो को बाधित होने से बचाने के लिए आपको शरीर में मूवमेंट बहुत जरूरी है।
2 बहुत अधिर स्ट्रेचिंग वाले पोज़ न करें
ऐसी मुद्राएं न करें जिनमें पेट की मांसपेशियों को बहुत ज़्यादा खींचने की ज़रूरत हो आगे और पीछे की ओर झुकने के साथ-साथ बहुत ज़्यादा घुमाव से चोट लग सकती है। ऐसे स्ट्रेचिंग मूव्स से बचें जो असहज महसूस कराते हों या मांसपेशियों में दर्द पैदा करते हों।
3 गर्म, नम वातावरण में योग करने से बचें
बिक्रम या हॉट योगा क्लास न लें (जिसमें कमरे को 90 डिग्री या उससे ज़्यादा गर्म किया जाता है) क्योंकि इससे खतरनाक ओवरहीटिंग हो सकती है। अपको इससे डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है।
4 आराम से रहें
स्ट्रेच करते समय गहरी और नियमित सांस लें। अगर आप पहले से ही योग में माहिर हैं, तो पहचानें और स्वीकार करें कि समय बीतने के साथ आपकी नियमित दिनचर्या में बदलाव की आवश्यकता होगी।
अगर आपको दर्द या बेचैनी महसूस हो रही है, तो बदलाव करें या अपने ट्रेनर से वैकल्पिक स्थिति की सलाह लें। जब तक आप सहज महसूस करें, तब तक ही आसन करें और खुद को दर्द या थकावट वाली स्थिति में न जाने दें।
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