देवउठनी एकादशी तक किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस दौरान शुभ कार्य वर्जित होते हैं। शादी-विवाह, जनेऊ, मुंडन, भूमि पूजन, नया वाहन-प्रॉपर्टी आदि की खरीदारी जैसे कार्यों को नहीं करना चाहिए। भगवान विष्णु की उपस्थिति के बिना इन कार्यों को करना अपशकुन माना जाता है।
By Ekta Sharma
Publish Date: Wed, 19 Jun 2024 10:43:48 AM (IST)
Updated Date: Wed, 19 Jun 2024 10:43:48 AM (IST)
HighLights
- भगवान विष्णु को समर्पित है चातुर्मास
- इस दौरान योग निद्रा में चले जाते हैं भगवान विष्णु
- चातुर्मास में शिव जी को सौंप दिया जाता है कार्यभार
धर्म डेस्क, इंदौर। Chaturmas 2024: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी से चातुर्मास आरंभ होता है। चातुर्मास शब्द 4 महीनों का संगम माना जाता है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास के दौरान सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु पाताल लोक में योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव को सौंप दिया जाता हैं।
विष्णु जी की अनुपस्थिति में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन आदि प्रकार के मांगलिक कार्य रुक जाते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के निद्रा से जागने पर चातुर्मास समाप्त हो जाता है। इसके बाद से ही सभी शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। आइए, जानते हैं कि इस साल चातुर्मास कब से शुरू होकर, कब खत्म होगा और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
चातुर्मास 2024
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, इस साल चातुर्मास, देवशयनी एकादशी के दिन से यानी 17 जुलाई 2024 को शुरू होगा। चार महीने बाद 12 नवंबर 2024 को देवउठनी एकादशी के दिन इसका समापन होगा। ऐसे में भगवान विष्णु 4 महीने तक योग निद्रा में रहेंगे।
कहा जाता है कि भगवान शिव 4 महीनों के लिए ब्रह्मांड के संचालन की जिम्मेदारी लेते हैं। यही कारण है कि इस दौरान भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
नहीं किए जाने चाहिए शुभ कार्य
दरअसल, चातुर्मास में सूर्य दक्षिणायन में रहता है। साथ ही भगवान विष्णु निद्रा अवस्था में रहते हैं। ऐसे में इस दौरान किए गए शुभ कार्यों से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है। इसलिए इस दौरान शुभ कार्य यानी विवाह और 16 अन्य संस्कार करना वर्जित होता है। इस साल 2024 में 17 जुलाई से 12 नवंबर के बीच कोई भी शुभ कार्यक्रम नहीं करना चाहिए।
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