वट सावित्री व्रत के दिन कुछ नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक होता है। नहीं, तो जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
By Ekta Sharma
Publish Date: Wed, 05 Jun 2024 11:37:07 AM (IST)
Updated Date: Wed, 05 Jun 2024 11:37:07 AM (IST)
HighLights
- इस बार वट सावित्री व्रत 6 जून को रखा जाने वाला है।
- इस दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है।
- इस दिन बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Vat Savitri Vrat: सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत को महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत अखंड सौभाग्य, सुखी वैवाहिक जीवन और समृद्धि देने वाला है। वट सावित्री व्रत के दिन विवाहित महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा करती हैं। साथ ही इस दिन व्रत भी रखा जाता है। वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार वट सावित्री व्रत 6 जून को रखा जाने वाला है। इस दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है। वट सावित्री व्रत के दिन कुछ नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक होता है।
वट सावित्री व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं?
- वट सावित्री व्रत रखने वाली विवाहित महिलाओं को आम का मुरब्बा और गुड़ या चीनी का सेवन करना चाहिए।
इन नियमों का करें पालन
वट सावित्री व्रत में वट वृक्ष की परिक्रमा करते हुए उसके चारों ओर कच्चा सूत लपेटकर पूजा करने का बहुत महत्व है। बरगद का पेड़ न हो तो एक दिन पहले बरगद के पेड़ की टहनी ले आएं। वट सावित्री के दिन इसे स्थापित करें और पूजा करें। वट वृक्ष की पूजा के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाओं को नीले, काले और सफेद रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। वट सावित्री व्रत कथा सुनें या पढ़ें। इस दौरान बीच में न उठें।
डिसक्लेमर
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