संकष्टी चतुर्थी पर भद्र योग भी निर्मित होगा। भद्रा के पाताल में रहने से पृथ्वी के लोगों का कल्याण होगा। यह योग शाम 6.06 बजे तक रहेगा।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Fri, 24 May 2024 12:53:41 PM (IST)
Updated Date: Fri, 24 May 2024 01:12:21 PM (IST)
HighLights
- एकदंत संकष्टी चतुर्थी की शाम पर चंद्रदेव का दर्शन जरूर करना चाहिए।
- 26 मई की शाम 6.06 बजे इस तिथि की शुरुआत होगी, जो 27 मई की शाम 4.53 बजे तक रहेगी।
- 26 मई की रात को चंद्र देव के दर्शन करने से पुण्य फल मिलेगा।
धर्म डेस्क, इंदौर। सनातन धर्म की किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इसके अलावा हर माह चतुर्थी तिथि को भी भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि Sankashti Chaturthi व्रत यदि पूरे विधि-विधान के साथ किया जाता है तो भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस साल की Ekdant Sankashti Chaturthi 26 मई 2024 को मनाई जाएगी और इस दौरान 3 शुभ योग निर्मित होगा, जो भक्तों के लिए लाभकारी होंगे।
कब है एकदंत संकष्टी चतुर्थी
पंडित हर्षित मोहन शर्मा के मुताबिक, एकदंत संकष्टी चतुर्थी की शाम पर चंद्रदेव का दर्शन जरूर करना चाहिए। पंचांग के मुताबिक, 26 मई की शाम 6.06 बजे इस तिथि की शुरुआत होगी, जो 27 मई की शाम 4.53 बजे तक रहेगी। 26 मई की रात को चंद्र देव के दर्शन करने से पुण्य फल मिलेगा।
एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर बनेंगे ये 4 शुभ योग
- शुभ साध्य योग – ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर पहला शुभ साध्य योग का निर्माण होगा। यह योग सुबह 8.31 बजे तक रहेगा। यह योग सकल मनोरथ सिद्धि की प्राप्ति में मदद करता है।
- भद्र योग – संकष्टी चतुर्थी पर भद्र योग भी निर्मित होगा। भद्रा के पाताल में रहने से पृथ्वी के लोगों का कल्याण होगा। यह योग शाम 6.06 बजे तक रहेगा।
- शिव वास योग– एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर तीसरा शिव वास योग बनेगा, जो प्रदोष काल में निर्मित होगा। इस शुभ योग के कारण आय और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।
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