कभी-कभी आपका सेक्स सेशन इतना जोशीला और रफ होता है कि पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों पर उससे चोट लग सकती है। पर हर बार ऐसा नहीं होता। वेजाइना में अचानक होने वाले दर्द के लिए कुछ और कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
कई बार हमें वेजाइना में अचानक दर्द महसूस होता है, लंबे समय तक बैठे रहने पर, या सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद, शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के बाद कुछ महिलाओं को ये अधिक फ्रिक्वेंटली परेशान कर सकता है, तो कुछ महिलाएं कभी-कभार इसका अनुभव करती हैं। हालांकि, इसका कोई निश्चित कारण नहीं है। अलग-अलग महिलाओं में वेजाइनल पेन (Vaginal pain) के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। महिलाएं अक्सर इस दर्द को नजरअंदाज कर देती हैं, जो बाद में बड़ी समस्या का कारण बन सकता है। वेजाइना के दर्द (Causes of pain in vagina) के पीछे कई गंभीर कारण जिम्मेदार होते हैं, जिन पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो वे बाद में अधिक परेशान कर सकते हैं।
योनि में होने वाले दर्द को लेकर हेल्थ शॉट्स ने विद्या नर्सिंग होम, बिजनौर की ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर नीरज शर्मा से बात की। तो चलिए जानते हैं, योनि में दर्द के संभावित कारण (Causes of Pain in vagina), साथ ही जानेंगे इन्हें क्यों नहीं नजरअंदाज करना चाहिए।
जानें वेजाइना में दर्द के संभावित कारण (Causes of Pain in vagina)
1. वल्वर सिस्ट
वल्वर सिस्ट एक प्रकार का इन्फेक्शन है जो अक्सर महिलाओं की परेशानी का कारण बनता है। आपके वल्वा पर नजर आने वाले पेनफुल बम्प्स वल्वर सिस्ट हो सकते हैं, जिसे बार्थोलिन सिस्ट भी कहा जाता है। जब आपकी योनी के बार्थोलिन ग्लैंड फ्लूइड से ब्लॉक हो जाते हैं, तो सिस्ट का फार्मेशन होता है। यदि बार्थोलिन सिस्ट आकार में बड़ा है, तो आपको डॉक्टर से मिलकर फ्लूइड को बाहर निकलवा लेना चाहिए। डॉ नीरज शर्मा के अनुसार वल्वर सिस्ट योनि के दर्द का एक सबसे कॉमन कारण है।
2. सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन योनि के दर्द का एक आम कारण है। इसके अलावा कई अन्य प्रकार के इंफेक्शन भी हैं जैसे कि यूटीआई और यीस्ट इन्फेक्शन जो दर्द और जलन का कारण बन सकते हैं। इसटीआई फैलाने वाले बैक्टीरिया जानलेवा हो सकते हैं, और शरीर को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। ये बैक्टीरिया पेल्विक और पेट के निचले हिस्से में असामान्य रूप से दर्द पैदा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वहीं यूरिन पास करते हुए योनि में अधिक दर्द का अनुभव होता है।
3. वाइल्ड सेक्स
योनि का दर्द पेनफुल सेक्स का परिणाम हो सकता है। सेक्स से पहले, उसके दौरान या बाद में प्यूबिक रीजन के दर्द को चिकित्सकीय रूप से डिस्पेर्यूनिया के रूप में जाना जाता है। डीप डिस्पेर्यूनिया निचले श्रोणि या योनि में गहरा दर्द होता है।
डीप डिस्पेर्यूनिया सेक्स के दौरान डीप पेनिट्रेशन से भी जुड़ा हो सकता है। पर्याप्त चिकनाई के बिना पेनेट्रेटिव सेक्स से भी योनि में दर्द और परेशानी हो सकती है। यह आपकी वेजाइनल ओपनिंग के अंदर छोटे-छोटे कट या खरोंच पैदा कर सकता है, जिससे सेक्स के बाद भी दर्द बना रहता है।
4. पीरियड्स
मेंस्ट्रूअल साइकिल के दौरान पेट दर्द के साथ ही कई बार वेजाइनल क्रैम्प्स का अनुभव होता है। वॉटर रिटेंशन पीरियड के पहले नजर आने वाला एक आम लक्षण है, जिसकी वजह से पीरियड्स के दौरान वेजाइना में भारीपन और दर्द महसूस हो सकता है। हालांकि, इसका अनुभव सभी महिलाओं को नहीं होता, यदि आपको पीरियड्स के दौरान वेजाइना में दर्द का अनुभव हो रहा है तो इसके पीछे यह कारण हो सकता है। वहीं तेज दर्द होने पर डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें।
5. फाइब्रॉएड
फाइब्रॉएड यूटरस या गर्भ का गैर-कैंसरजन्य ट्यूमर है। यह एक कॉमन समस्या है जिसमें लगभग 30 से 50 वर्ष की आयु की 1 से 3 महिलाएं फाइब्रॉएड से पीड़ित होती हैं। फाइब्रॉएड का दर्द ट्यूमर के साइज और प्लेसमेंट के साथ ही इसके ग्रोथ पर भी निर्भर करता है। इस स्थिति में महिलाओं को अचानक से पेल्विक में अनचाहे दर्द का अनुभव हो सकता है, साथ ही वेजाइना में चुभन महसूस होता है। इसपर फ़ौरन ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
कॉमन है चाइल्ड बर्थ के बाद योनि में दर्द होना (childbirth and vaginal pain)
नार्मल या वेजाइनल डिलीवरी के बाद किसी भी महिला को योनि में दर्द का अनुभव होना बिल्कुल समान्य है। पर कई बार यह उन्हें लंबे समय तक परेशान कर सकता है। प्रसव के बाद पेरिनियम (आपके एनस और योनि के आस-पास के क्षेत्र) में सूजन, चोट और कोमलता होना सामान्य है। कुछ महिलाओं में यह दर्द 6 सप्ताह तक रहता है। अगर आपको टांके लगे हैं, तो आपको दर्द के साथ खुजली, खिंचाव, जैसी और असुविधाएं महसूस हो सकती है।
कभी-कभी, जन्म के दौरान आपकी योनि और पेरिनियम के आस-पास के सॉफ्ट टिश्यू फट सकते हैं। त्वचा में छोटे-छोटे घाव से लेकर त्वचा, मांसपेशियों और अन्य टिश्यू को प्रभावित करने वाले अधिक गंभीर घाव बन सकते हैं। एपिसियोटॉमी एक मेडिकल कट है जो कभी-कभी आपके बच्चे को बाहर निकलने में मदद करने के लिए आवश्यक होता है।
ऐसा होने पर वेजाइना को रिकवर होने में समय लगता है। यदि चाइल्ड बर्थ के 6 हफ़्तों के बाद भी दर्द महसूस हो रहा है, तो आपको डॉक्टर से मिल इस विषय पर सलाह लेनी चाहिए।
नोट : दर्द का उपचार इसके संभावित कारणों पर निर्भर करता है। इसलिए दर्द को अवॉयड करने का सबसे आसान तरीका है, समय रहते इसपर ध्यान देना। यदि आप समय रहते इसपर ध्यान देती हैं, तो इसके संभावित कारणों को ट्रीट करना और उनपर नियंत्रण पाना आसान हो जाता है।