बरेली के चारों ओर रिंग रोड के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) और जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की लैंड रिकोजीसन कमेटी (एलएसी) की बैठक में 11 सितंबर को प्रोजेक्ट अनुमोदित हो गया। प्रोजेक्ट मैनेजर ने मंडलायुक्त व डीएम से मिलकर जमीन अधिग्रहण के अटके प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है। रिंग रोड की अनुमानित लागत 1,600 करोड़ रुपये होगी।
जिले में रिंग रोड के लिए 22 गांवों की जमीन का अधिग्रहण होना था। 21 गांवों की प्रक्रिया पूरी हुई लेकिन मीरगंज का रहपुरा जागीर गांव चकबंदी में था। इसलिए अधिग्रहण अटक गया। मंडलायुक्त व जिलाधिकारी के निर्देश पर एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर बीपी पाठक ने एसओसी से उन रकबों को चकबंदी से मुक्त करने का आग्रह किया है, जिनका अधिग्रहण किया जाना है। 80 फीसदी जमीन का अधिग्रहण होने के बाद रिंग रोड का काम शुरू हो जाएगा।
दो हिस्सों में होगा निर्माण
रिंग रोड दो हिस्सों में बनेगा। ग्राम धंतिया से ग्राम चौबारी मुस्तकिल तक 20 किलोमीटर का पहला हिस्सा है। चौबारी मुस्तकिल से रजऊ परसपुर तक 12 किलोमीटर दूसरा हिस्सा है। नैनीताल, दिल्ली और लखनऊ हाईवे को जोड़ने वाले रिंग रोड के हिस्से का निर्माण हो चुका है। यह हिस्सा इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी तिराहा से जीरो प्वॉइंट होते हुए बड़ा बाइपास तक है। दो हिस्से बनने के बरेली का रिंग करीब 65 किलोमीटर लंबा हो जाएगा।
इन गांवों की जमीन होगी अधिग्रहीत
धंतिया, परसाखेड़ा, रसूला चौधरी, बालकोठा, बादशाहनगर, सरनिया, रहपुरा जागीर, महेशपुरा अटरिया, रोहता मुस्तकिल, रोहता एहतमाली, सहसिया हुसैनपुर एहतमली, सहसिया हुसैनपुर मुस्तकिल, सरायतल्फी मुस्तकिल, सरायतल्फी एहतमली, महगवां, बिरिया नरेंद्रपुर, इटावा सुखदेवपुर, बहतीदह जागीर, रौंधी मुस्तकिल, महेशपुर ठाकुरान, बुखारा, चौबारी मुस्तकिल, बरीनगला, उमरसिया, लखौरा, दुबारी, पालपुर कमालपुर, धौरपुर ठाकुरान, परतासपुर, सैदपुर लश्करीगंज, सुंदरपुर, रजऊ परसपुर।