आज के समय में इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग खुद का ख्याल रखने के लिे समय ही नहीं निकाल पाते हैं। अपने काम में व्यस्त होने के कारण लोग सही तरह से खान-पान पर ध्यान भी नहीं दे पाते हैं और खराब लाइफस्टाइल जीने लगते हैं। अनहेल्दी फूड्स, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और अन्य बढ़ती बीमारियों के कारण मोटापा बढ़ने की समस्या भी तेजी से बढ़ रही है। हाशिमोटो भी एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें वजन बढ़ने लगता है, जिसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। न्यूट्रिशनिस्ट राशि चौधरी ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके हाशिमोटो (Hashimoto) की समस्या होने पर वजन कम करने की सलाह दी है, इसके साथ ही उन्होने स्वास्थ्य से जुड़ी 5 चीजों पर काम करने के बारे में कहा है, जिसके बाद आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है। लेकिन उससे पहले आइए जानते हैं हाशिमोटो क्या है?
हाशिमोटो रोग क्या है? – What Is Hashimoto Disease in Hindi?
हाशिमोटो रोग को हाशिमोटो थायरॉयडिटिस के नाम से भी जाना जाता है, जो एक क ऑटोइम्यून डिऑर्डर है। यह बीमारी तब होती है, जब आपके शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम थायरायड ग्रंथि के सेल्स को नष्ट कर देता है। इस बीमारी के कारण थायराइड ग्रंथि ठीक तरह से काम नहीं करती है, जिससे हाइपोथायरायडिज्म होने का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या में हमारा शरीर जरूरत के अनुसार थायराइड हार्मोन नहीं बना पाता है, जिससे मोटापा तेजी से बढ़ने के साथ अन्य स्वास्थ्य समस्या होने का जोखिम बढ़ जाता है।
हाशिमोटो रोग में वजन कम करने के लिए क्या करें? – What To Do To Lose Weight In Hashimoto’s Disease in Hindi?
1. कंजस्टेड लिवर को डिटॉक्स करें
हाशिमोटो से पीड़ित लोगों में अक्सर लिवर को डिटॉक्सीफाई करने की क्षमता कम या खराब हो जाती है। ऐसे में जब लीवर पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है, तो यह फैट सेल्स में टॉक्सिक पदार्थों को जमा करना शुरू कर देता है। अपने लिवर को डिटॉक्सिफाई करके आप शरीर से डिटॉक्स पदार्थों को बाहर निकाल सकते हैं, जिससे थायराइड हार्मोन में सुधार हो सकता है और वजन कम करना आसान बन सकता है। लीवर को डिटॉक्स करने के लिए आप अपनी डाइट में डिटॉक्स ड्रिंक्स शामिल कर सकते हैं।
2. तनाव हार्मोन कोर्टिसोल कंट्रोल करें
तनाव हार्मोन कोर्टिसोल आपके शरीर में टीएसएच लेवल को बढ़ाता है, जब आपके शरीर में कोर्टिसोल का स्तर ऊंचा होता है, तो यह थायराइड ग्रंथि को थायराइड हार्मोन का उत्पादन बंद करने का संकेत देता है। इतना ही नहीं यह T4 के सक्रिय थायराइड हार्मोन T3 में बदलने को भी बाधित करता है, जिससे मोटापा बढ़ने लगता है। ऐसे में आप मोटापे से छुटकारा पाने के लिए कोर्टिसोल हार्मोन को कंट्रोल करने की कोशिश कर सकते हैं।
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3. इन्फ्लेमेशन की समस्या दूर करें
हाशिमोटो में, इम्यूनिटी सिस्टम गलती से थायराइड ग्रंथि पर हमला करती है, जिससे इन्फ्लेमेशन की समस्या हो सकती है, जो आंत की परत को प्रभावित करती है। आंतों के सेल्स के बीच सामान्य रूप से टाइट जंक्शन ढीले हो जाते हैं, जिससे डिटॉक्स पदार्थ और अपाचय भोजन उनके अंदर चले जाते हैं। यह समस्या इन्फ्लेमेशन की को ट्रिगर कर सकती है, जिससे हाशिमोटो वाले लोगों के लिए वजन कम करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए इन्फ्लेमेशन की समस्या को दूर करने की कोशिश करें।
4. टी3 स्तर को कंट्रोल में रखें
अगर ब्लड टेस्ट से पता चलता है कि आपको टीएसएच और टी4 नॉर्मल हैं, लेकिन आप अभी भी वजन कम करने के लिए मेहनत कर रहे हैं, तो इसका कारण यह है कि वे सही रेंज में नहीं हैं। हाशिमोटो के साथ आपके शरीर की चयापचय दर धीमी हो जाती है, इसलिए मोटापा बढ़ने लगता है, जिसमें थायराइड कंट्रोल में रखना महत्वपूर्ण हो जाता है।
5. ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस करें
हाशिमोटो से पीड़ित लोगों को अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखना जरूरी होता है। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल हाशिमोटो की समस्या को ट्रिगर कर सकता है, जिससे वजन तेजी से बढ़ सकता है। इसलिए वजन कम करने के लिए ब्लड शुगर लेवल को तुरंत कम करने की कोशिश करें।
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