विश्व गौरैया दिवस 2024
स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड
प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है, जो जैवविविधता और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में गौरैया के महत्त्व पर प्रकाश डालता है।
विश्व गौरैया दिवस 2024 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- थीम: वर्ष 2024 में, विश्व गौरैया दिवस की थीम– “Sparrows: Give them a tweet-chance! ”, “I Love Sparrows ” और “We Love Sparrows” है।
- इतिहास: विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत 20 मार्च 2010 को हुआ था। भारत में, इसकी शुरुआत नेचर फॉरएवर सोसाइटी द्वारा की गई थी।
- भारतीय संरक्षणवादी मोहम्मद दिलावर द्वारा स्थापित सोसाइटी का उद्देश्य घरेलू गौरैया और अन्य सामान्य पक्षियों के संरक्षण के महत्त्व पर बल देना अति आवश्यक है।
गौरैया के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- पारिस्थितिकी तंत्र में जैवविविधता और पौधों के विकास के लिये गौरैया महत्त्वपूर्ण हैं। वे बीजों का उपभोग और उत्सर्जन करते हैं, पौधों के बीजों को फैलाने तथा वनस्पति को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
- खतरा:
- निवास स्थान के क्षरण, शहरीकरण और कृषि पद्धतियों में बदलाव के कारण गौरैया की आबादी विलुप्त हो रही है। घोंसला बनाने वाली जगहों का नुकसान, साथ ही कीड़ों की आबादी में गिरावट प्रमुख कारक हैं।
- इस गिरावट के व्यापक प्रभाव हैं, जिनमें कीट-पतंगों में संभावित वृद्धि और जैवविविधता के लिये खतरे शामिल हैं।
- संरक्षण:
- गौरैया के लिये उपयुक्त आवास बनाने के प्रयासों में शहरी हरियाली परियोजनाएँ और कृषि पारिस्थितिकीय अनुकूल आचरण शामिल हैं।
- भारत में कुछ सामान्य प्रजातियाँ पर्यावास और वितरण:
गौरैया की प्रजाति
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वैज्ञानिक नाम
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आवास प्राथमिकताएँ
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भारत में वितरण
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पासर डोमेस्टिकस
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शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र
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भारत भर में व्यापक रूप से वितरित
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यूरेशियाई ट्री गौरैया
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पासर मोंटैनस
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वुडलैंड्स, पार्क और उद्यान
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भारत भर के विभिन्न क्षेत्रों में घरेलू गौरैया की तुलना में कम पाया जाता है।
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व्हाइट-थ्रोटेड स्पैरो
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ज़ोनोट्रिचिया अल्बिकोलिस
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उत्तरी क्षेत्र, पर्वतीय क्षेत्र
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मुख्यतः जम्मू-कश्मीर या हिमाचल प्रदेश में
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चेस्टनट-सोल्डरेड पेट्रोनास
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पेट्रोनिया ज़ैंथोकोलिस
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सूखे जंगल, स्क्रबलैंड
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राजस्थान या गुजरात जैसे क्षेत्रों में निवास करते हैं
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रूफस ट्रीपी
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डेंड्रोसिट्टा वागाबुंडा
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आर्द्र प्रदेश, वन
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असम या पश्चिम बंगाल जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता देता है।
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बया वीवर
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प्लोसियस फिलिपिनस
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तटीय क्षेत्र, आर्द्रभूमियाँ
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आमतौर पर गोवा या केरल जैसे तटीय क्षेत्रों में देखा जाता है।
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नोट:
- घर की गौरैया/हाउस स्पैरो (पैसेर डोमेस्टिकस) पासेरिफोर्मेस और पासेरिडे परिवार से संबंधित है।
- यह बिहार और दिल्ली का राज्य पक्षी है तथा मानव बस्तियों के निकट होने के कारण आम तौर पर पाया जाता है।
- IUCN रेड लिस्ट में इसकी संरक्षण स्थिति सबसे कम चिंतनीय वाली है।
और पढ़ें…स्टेट ऑफ इंडियाज़ बर्ड्स, 2023
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स:
प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा पक्षी नहीं है? (2022)
(a) गोल्डन महासीर
उत्तर: (a)
प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त में से कौन-से पादप रोग फैलाते हैं ?
(a) केवल 1 और 3
उत्तर: (d)
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