राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित रमेश तिवारी ने बताया कि हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है। शुक्ल पक्ष में होली के पांच दिन पहले रंगभरी एकादशी पड़ रही है।
By Dhirendra Kumar Sinha
Publish Date: Wed, 20 Mar 2024 09:15 AM (IST)
Updated Date: Wed, 20 Mar 2024 09:15 AM (IST)
HighLights
- व्रती करेंगे भगवान विष्णु की पूजा
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। संस्कारधानी में बुधवार 20 मार्च को रंगभरी एकादशी मनाई जाएगी। यह आमलकी एकादशी के नाम से भी प्रचलित है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु को आंवले का फल चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि का और पुण्य सौभाग्य की प्राप्ति होती है। व्रत करने से परेशानियां दूर होती है और मन प्रसन्न रहता है। ज्योतिषाचार्य पंडित देव कुमार पाठक का कहना है कि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को आमलकी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से सौभाग्य, समृद्धि और खुशी की प्राप्ति होती है।
ऐसी मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को आंवले का फल चढ़ाने से मन को शांति व प्रसन्नता मिलती है और जीवन में आने वाली हर परेशानी से छुटकारा मिलता है। शुभ फलों की प्राप्ति के साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। इस दिन पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान भोलेनाथ की कथा का प्रसंग भी इसी दिन से जुड़ा है। कथा के अनुसार, माता पार्वती के विवाह के बाद उनका गौना कराकर फाल्गुन शुक्ल एकादशी को ही भोलेनाथ पहली बार अपनी नगरी काशी आए थे। तब भक्तों ने शिव और शक्ति का रंग-गुलाल से स्वागत किया था। तभी से फाल्गुन शुक्ल एकादशी को रंगभरी एकादशी मनाई जाती है। बिलासपुर में इस एकादशी को हर साल उत्साह के साथ मनाया जाता है। प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना भी होती है। बुधवारी बाजार स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, सिटी कोतवाली स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर एवं श्री वेंकटेश मंदिर सहित अन्य मंदिरों में बड़ी संख्या में व्रती महिलाएं आशीर्वाद लेने पहुंचती हैं।
दांपत्य जीवन में आती है मधुरता
राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित रमेश तिवारी ने बताया कि हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है। शुक्ल पक्ष में होली के पांच दिन पहले रंगभरी एकादशी पड़ रही है। इसे सभी एकादशियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। आमतौर पर एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। लेकिन, सिर्फ रंगभरी एकादशी में ही भगवान भोलेनाथ और पार्वती की पूजा का विधान है। दोनों को इस तिथि पर गुलाल अर्पित करने से वैवाहिक जीवन के कष्ट दूर होते हैं और दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। साथ ही, श्री विष्णु सहस्रनाम स्त्रोत का पाठ कर उन्हें आंवला अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
एकादशी पर ऐसे करें पूजा
सुबह जल्दी उठकर ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करें। भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। अब भगवान विष्णु को पंचामृत, फूलों की माला, धूप, रोली, चंदन, अक्षत और फूल आदि अर्पित करें। पूजा के दौरान भगवान विष्णु को आंवले का भोग अवश्य लगाएं।