नयी दिल्ली । केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि भारत करीब 30 देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों के साथ पारस्परिक मान्यता समझौते (एमआरए) पर हस्ताक्षर करने के लिए बातचीत कर रहा है। पारस्परिक मान्यता समझौते दोहरे प्रमाणन से बचकर विदेशी व्यापार को आसान बनाने में मदद करते हैं। इस प्रकार यह अनुपालन लागत को कम करता है, केवल एक विनियमन का पालन कर अनुपालन आवश्यकताओं को सरल बनाता है और व्यापार के अवसरों को बढ़ाता है।
भारत, अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (एईओ) कार्यक्रम को व्यापक तथा गहन बनाने के लिए अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रहा है। अग्रवाल ने कहा कि भारत ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया सहित कई प्रमुख व्यापारिक साझेदारों के साथ एमआरए पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने यहां वैश्विक अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (एईओ) सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ 30 से अधिक देशों के साथ वार्ता जारी है। इसमें आशाजनक प्रगति हो रही है। जापान और दक्षिण अफ्रीका के साथ भी चर्चा जारी है।’’
एईओ कार्यक्रम सीमा शुल्क प्रशासन को सुरक्षित बनाने वाले तथा इसका अनुपालन करने वाले निर्यातकों और आयातकों की पहचान करने तथा उन्हें बेहतर सुविधा प्रदान करने में सक्षम बनाता है। उन्होंने साथ ही कहा कि भारत डिजिटल तथा टिकाऊ व्यापार सुविधा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करना जारी रखे है। यह डिजिटल तथा टिकाऊ व्यापार सुविधा पर संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामाजिक आयोग एशिया प्रशांत के वैश्विक सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन से स्पष्ट है। अग्रवाल ने कहा कि भारत ने विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में भी सुधार किया है।