1. स्थापना व नाम:
बरेली की स्थापना 1537 में एक राजपूत जगत सिंह कटेहरिया ने की थी, और इसका नाम उनके दो बेटों – बंसलदेव और बरलदेव के नाम पर रखा गया था।
2. प्राचीन गूँज:
इस शहर का उल्लेख महाकाव्य महाभारत में पंचाल साम्राज्य की राजधानी के रूप में मिलता है। पुरातात्विक खोजों से पता चलता है कि बरेली के पास पूर्व राजधानी अहिच्छत्र का प्राचीन शहर मौजूद है।
3. नदी का आलिंगन:
बरेली पवित्र रामगंगा नदी के तट पर स्थित है, जो इसके सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्व को बढ़ाता है।
4. फर्नीचर प्रसिद्धि:
आम धारणा के विपरीत, “बंस बरेली” (बांस बरेली) का नाम इसके बांस बाजार के लिए नहीं, बल्कि इसके संस्थापकों के बेटों के लिए रखा गया है। हालाँकि, यह शहर वास्तव में सुंदर बेंत के फर्नीचर के लिए एक प्रसिद्ध उत्पादन केंद्र है।
5. आध्यात्मिक महत्व:
बरेली सूफी इस्लाम का एक प्रमुख केंद्र है। शहर के नाम पर प्रसिद्ध बरेलवी आंदोलन की शुरुआत सूफी संत अहमद रजा खान के साथ यहीं हुई थी।
6. मंदिरों का शहर:
उपनाम “नाथ नगरी” (भगवान का शहर), बरेली में पांच प्राचीन शिव मंदिर हैं, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं।
7. फैशन का जलवा:
बरेली पारंपरिक भारतीय फैशन का स्वर्ग है। इसकी जटिल “जरी जरदोजी” कढ़ाई का काम, बांस शिल्प और पतंग बनाने की परंपराएं दुनिया भर में जानी जाती हैं।
8. बॉलीवुड चर्चा:
शहर ने अपने बाज़ारों की सुंदरता का जश्न मनाते हुए लोकप्रिय बॉलीवुड गीत “बरेली झुमका गिरा रे” के माध्यम से प्रसिद्धि प्राप्त की।
9. सेलिब्रिटी कनेक्शन:
अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा और दिशा पटानी बरेली से हैं, जो इसके समकालीन सांस्कृतिक प्रभाव को जोड़ती है।
10. रणनीतिक महत्व:
हालांकि नागरिकों के लिए पहुंच योग्य नहीं है, बरेली के बाहरी इलाके में त्रिशूल एयरबेस भारतीय वायु सेना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान के रूप में कार्य करता है।