फेस्टिव सीजन में एफएसडीए की टीम भले ही एक्टिव हो गई हो, लेकिन मिलावटखोर भी मिलावट करने से चूकते नहीं हैं. एफएसडीए की तरफ से जो नमूने फेस्टिव सीजन में चेकिंग के दौरान कलेक्ट किए जाते हैं वह जांच को भेजे जाते हैं. लैब रिपोर्ट औसतन तीन से चार माह बाद ही आ पाती है तब तक मिलावट के आइटम लोग खा चुके होते हैं.
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सेबी का एचडीएफसी बैंक को चेतावनी पत्र
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निजी क्षेत्र में देश के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक को...