स्टेट फोकस रिपोर्ट जारी करते उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा तथा अन्य अतिथि
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने वित्त वर्ष 2024-25 में मध्य प्रदेश में प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 2.84 लाख करोड़ रुपये के बैंक ऋण की संभावना जताई है। यह अनुमान पिछले वर्ष के अनुमानों से 10 फीसदी अधिक है। गत वर्ष नाबार्ड ने 2,58,568 करोड़ रुपये की ऋण संभाव्यता का आकलन जताया गया था।
नाबार्ड द्वारा बुधवार को आयोजित राष्ट्रीय ऋण संगोष्ठी में जारी किए गए स्टेट फोकस पेपर के अनुसार कुल अनुमानित ऋण संभाव्यता में से 1.80 लाख करोड़ रुपये का ऋण कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों के लिए होगा जबकि एमएसएमई क्षेत्र के लिए 89,000 करोड़ रुपये और निर्यात शिक्षा, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा तथा बुनियादी ढांचा जैसे अन्य क्षेत्रों के लिए 15,000 करोड़ रुपये की ऋण संभावना का आकलन किया गया।
पेपर के मुताबिक कृषि क्षेत्र कुल संभावित ऋण में 63.50 फीसदी का हिस्सेदार होगा जबकि एमएसएमई क्षेत्र 31.50 फीसदी तथा अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्र पांच फीसदी के हिस्सेदार होंगे। कृषि ऋण में अल्पकालिक फसल ऋण और दीर्घकालिक निवेश ऋण की हिस्सेदारी क्रमश: 59 फीसदी और 41 फीसदी है।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने नाबार्ड के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की समृद्धि का जो संकल्प लिया है, नाबार्ड के कदम उसमें सहायक साबित होंगे। उन्होंने कहा कि नाबार्ड, प्रदेश सरकार और किसान मिलकर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।
नाबार्ड मध्य प्रदेश के नए मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की ऋण संभाव्यता का आकलन करते समय किसानों की आय वृद्धि, कृषि में पूंजी निर्माण और कृषि से जुड़े व्यवसायों सहित कई बातों का ध्यान रखा जाता है। उन्होंने कहा कि यह स्टेट फोकस रिपोर्ट बैंकों के लिए अपनी वार्षिक ऋण योजनाओं को तैयार करने में उपयोगी मार्गदर्शिका साबित होगी।
First Published – February 14, 2024 | 8:05 PM IST