वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि फिनेटक सेक्टर में कुछ स्टार्टअप्स की समस्या को पूरे सेक्टर की समस्या के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में सीतारमण ने कहा कि सरकार पूरी तरह से स्टार्टअप्स के साथ खड़ी है और इन कंपनियों को हर मुमकिन मदद मुहैया कराई जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘ मुझे इस सेक्टर से पूरी सहानुभूति है और किसी एक, दो या चार स्टार्टअप की समस्या को पूरी स्टार्टअप दुनिया की समस्या के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। ऐसी कई स्टार्टअप ठीक काम कर रही हैं। वे रेगुलेटर्स से ज्यादा सहूलियत चाहती हैं, जो हम उन्हें मुहैया कराएंगे। कंप्लायंस को आसान बनाया जाएगा और यह यूजर फ्रेंडली होगा।’
वित्त मंत्री का यह भी कहना था कि 26 फरवरी को हुई बैठक में स्टार्टअप कंपनियों, खास तौर पर फिनेटक फर्मों के प्रतिनिधियों के साथ उनकी बातचीत शानदार रही और सभी फर्मों ने अपनी चिंताएं जाहिर कीं। हालांकि, ये चिंताएं पेटीएम के जरिये नहीं निकल रही थीं। यह मामला उस सहयोग का था, जिसकी जरूरत उन्हें रेगुलेटर्स से पड़ सकती है और नियमित तौर पर स्पष्टीकरण की भी जरूरत पड़ सकती है।
सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई फिनेटक और गैर-फिनटेक आंत्रप्रेन्योर्स ने हिस्सा लिया। तकरीबन एक महीना पहले रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर कई तरह की पाबंदियां लगाने का ऐलान किया था। केंद्रीय बैंक ने कंप्लायंस और रेगुलेटरी मसलों की वजह से इन पाबंदियों का ऐलान किया था। इसके बाद स्टार्टअप्स के संस्थापकों के एक ग्रुप ने प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी, सीतारमण और रिजर्व बैंक को चिट्ठी लिखकर पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाई गई पाबंदियों पर फिर से विचार करने की मांग की थी।