फेस्टिव सीजन में एफएसडीए की टीम भले ही एक्टिव हो गई हो, लेकिन मिलावटखोर भी मिलावट करने से चूकते नहीं हैं. एफएसडीए की तरफ से जो नमूने फेस्टिव सीजन में चेकिंग के दौरान कलेक्ट किए जाते हैं वह जांच को भेजे जाते हैं. लैब रिपोर्ट औसतन तीन से चार माह बाद ही आ पाती है तब तक मिलावट के आइटम लोग खा चुके होते हैं.
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