बंधन बैंक ने शुक्रवार को कहा कि उसके प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी चंद्रशेखर घोष अपना मौजूदा कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत हो जाएंगे। नियामक को भेजी जानकारी में बैंक ने कहा है कि 10 जुलाई, 2025 से बैंक की कमान संभाल रहे घोष 9 जुलाई, 2024 को अपना मौजूदा कार्यकाल पूरा होने के बाद एमडी एवं सीईओ की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएंगे। बोर्ड ने 24 नवंबर, 2023 को तीन साल की अवधि के लिए उनकी पुन: नियुक्ति को मंजूरी दी थी।
घोष ने बोर्ड को भेजे अपने इस्तीफे में कहा है, ‘करीब एक दशक तक (एमडी और सीईओ के तौर पर लगातार तीन कार्यकाल शामिल) बैंक की कमान संभालने के बाद मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि मैं बंधन समूह स्तर पर बड़ी रणनीतिक जिम्मेदारी निभाऊं। इसलिए मैंने एमडी एवं सीईओ के तौर पर अपने मौजूदा कार्यकाल के बाद बंधन बैंक की सेवाओं से मुक्त होने का निर्णय लिया है।’
घोष ने पत्र में कहा है कि बंधन की स्थापना वर्ष 2001 में महिला सशक्तिकरण और गरीबी उन्मूलन के दोहरे उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक गैर सरकारी संगठन के रूप में की गई थी।
उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी स्वयं की बचत, कुछ संबंधियों के योगदान और और साहूकारों से उधार लेकर शुरुआत की। जब मॉडल सफल हो गया तो वित्तीय संस्थान आगे आए और हमें ऋण तथा समर्थन देने को तैयार हो गए।’
वर्ष 2006 में, बंधन ने एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) खरीदी और उसका नाम बंधन फाइनैंशियल सर्विसेज लिमिटेड (बीएफएसएल) किया।बीएफएसएल माइक्रोफाइनैंस गतिविधियों के साथ आगे बढ़ी।
2010 में एमएफआई उद्योग में बड़ा बदलाव आया क्योंकि बीएफएसएल ने एसकेएस को पछाड़कर भारत की सबसे बड़ी एमएफआई बनने में सफलता हासिल की।
बंधन बैंक को 23 अगस्त 2015 को शुरू किया गया था। इसने 24 राज्यों में 501 शाखाओं और 50 एटीएम के साथ परिचालन शुरू किया। बंधन बैंक 2018 में शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुआ। 2019 में उसने एचडीएफसी लिमिटेड के स्वामितव वाली गृह फाइनैंस का अधिग्रहण किया।
First Published – April 5, 2024 | 10:20 PM IST